Blue Potato Farming Tips: ठंड में शिमला के इस आलू की करें खेती, यहां जानें टिप्स
Blue Potato Farming Tips: शिमला में पैदा होने वाले नीले आलू (Blue Potato) की खेती से होने वाले भारी मुनाफे को देखकर अन्य किसान भी कृषि तकनीक का अध्ययन करने सागर आ रहे हैं। इसके अनोखे औषधीय गुणों के कारण महानगरों में इसकी काफी मांग है और यह अन्य आलू की तुलना में किसानों को दोगुना लाभ देता है। माना जाता है कि इसमें कैंसर रोधी क्षमता भी होती है। दो या तीन बार पानी देने पर 105 दिन में आलू की फसल तैयार हो जाती है।
मल्टी लेयर फार्मिंग के संस्थापक आकाश चौरसिया पिछले दो साल से सागर के कपूरिया में नीले आलू उगा रहे हैं। पिछले साल उन्होंने आधा एकड़ जमीन पर नीले आलू उगाकर करीब ढाई लाख रुपये कमाए थे। अब किसान अलग-अलग राज्यों के किसानों से इसके गुणों के बारे में जानने के लिए उनके फार्म हाउस पर आ रहे हैं। आकाश के मुताबिक, शिमला अनुसंधान केंद्र ने इस आलू का उत्पादन किया और इसके बीज आयात किए।
नीले आलू (Blue Potato) की खेती दोमट रेतीली मिट्टी में अच्छी होती है
सामान्य पीएच वाले खेतों में 100 किलो चूना पाउडर छिड़कें। चूंकि इस साल ठंड देर से आई है, इसलिए यह रोपण के लिए आदर्श समय है, जिसमें प्रति एकड़ करीब 800 आलू लगाए गए हैं।
बीज उपचार: बीज उपचार के लिए पंद्रह लीटर साफ पानी में एक किलोग्राम चूना पत्थर (One kilogram of limestone) मिलाएं, इसे दस से पंद्रह मिनट तक ऐसे ही रहने दें, फिर इसे निकाल कर दस से पंद्रह मिनट तक छाया में फैला दें और फिर इसे रोपें।
रोपण तकनीक: इस फसल को खुली खेती या मोनोक्रॉप सिस्टम में एक पंक्ति में रोपें, इसके लिए एक फुट चौड़ी मेड़ आठ से नौ इंच की दूरी पर और आधा फुट गहरी नाली बनाएं। इसे आलू बोने की मशीन का उपयोग करके बाहर भी लगाया जा सकता है।
इसके अलावा, मल्टीलेयर खेती में, चार फीट चौड़ी क्यारी पर तीन पंक्तियों में रोपें, जिसमें 2.5 से 3 इंच का अंतर हो और प्रत्येक पंक्ति के बीच 8 से 9 इंच की दूरी हो।
यह फसल लगभग 100 से 110 दिनों में पक जाती है, औसतन 150 क्विंटल उपज देती है और बाजार में 60 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच बिकती है। फिलहाल, इसके बीज की कीमत 100 रुपये है।