Black Corn Cultivation: काले मक्के की खेती से किसानों को होगी मोटी कमाई, जानिए कैसे करें खेती…
Black Corn Cultivation: मक्का उगाना किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है, और स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न उगाना किसानों के बीच आम होता जा रहा है। अब जायद सीजन (Zayed Season) की फसलें बोई जा रही हैं, और किसान इस माहौल में मुनाफ़े के लिए ब्लैक कॉर्न की खेती कर सकते हैं। यह फसल इस मायने में अनोखी है कि यह 90 से 95 दिनों में ही तैयार हो जाती है और दूसरी फसलों से ज़्यादा उत्पादन देती है। भारत में ब्लैक कॉर्न के एक भुट्टे की कीमत लगभग 200 रुपये है।
Black Corn Cultivation और संभावित लाभ के बारे में जानें
Black Corn को क्या खास बनाता है?
भारत के छिंदवाड़ा में कृषि अनुसंधान केंद्र में स्थानीय मकई के प्रकारों की जांच करके कई वर्षों से काले या रंगीन मक्का पर शोध किया जा रहा है। काला मक्का अनोखा है क्योंकि इसमें आयरन, कॉपर और जिंक की उच्च सांद्रता होती है, जो सभी कुपोषण को रोकने में मदद करते हैं। जवाहर मक्का 1014 कृषि विशेषज्ञों द्वारा बनाया गया एक नया मक्का प्रकार है। काले मक्का से स्वास्थ्यवर्धक (Health Benefits) सामान बनाए जा सकते हैं। आपको बता दें कि यह मक्का की पहली पोषक तत्वों से भरपूर, बायोफोर्टिफाइड किस्म है। यह नई प्रजाति काले, लाल और भूरे रंग की है, जबकि मक्का के दाने आमतौर पर पीले होते हैं।
Black Corn की कैसे करें खेती
इस नई किस्म के मक्का को पकने में 95 से 97 दिन लगते हैं। अगर किसान प्रति एकड़ 8 किलो बीज बोते हैं, तो वे लगभग 26 क्विंटल उत्पादन कर सकते हैं। काले मक्का के रेशे दिखने में लगभग पचास दिन लगते हैं। ऐसा माना जाता है कि गर्म जलवायु (Warm Climate) में काला मक्का सबसे अच्छा उगता है। जब मकई का कोब अपने पौधे में तैयार हो जाता है, तो अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इस विशेष प्रकार के मक्का को पंक्तियों में उगाया जाता है, जिसमें प्रत्येक पौधे के बीच कम से कम 60 से 75 सेमी की दूरी होती है। काला मक्का तना छेदक रोग को सहन कर सकता है। वर्षा आधारित क्षेत्र, विशेष रूप से पठारी क्षेत्र, इस किस्म के लिए आदर्श हैं।
उच्च लाभ
बाजारों में, सफेद और लाल मक्का की कीमत आमतौर पर 2050 रुपये से 2700 रुपये प्रति क्विंटल के बीच होती है। काले मक्के को पकने में केवल 90 से 95 दिन लगते हैं और इसकी बुवाई गर्मियों में की जाती है। इस नए मक्के में आयरन, कॉपर और जिंक (Iron, Copper and Zinc) की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो कुपोषण को रोकने में मदद करता है। बाजार में काले मक्के के दाने महंगे होते हैं; इंटरनेट साइट्स पर एक मक्के के दाने की कीमत 200 रुपये है। काले मक्के की कीमत आम मक्के से ज़्यादा होती है। भारत में बहुत कम किसान काले मक्के की खेती करते हैं।