Betel Cultivation: इस पत्ते की खेती से किसान बन रहे है लखपति, जानें कैसे…
Betel Cultivation: छपरा के किसान परंपरागत खेती (Traditional Farming) को छोड़कर नकदी फसलों की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें अधिक मुनाफा होता है। किसान कई तरह की नकदी फसलें उगा रहे हैं। बाजार में इनकी काफी मांग है। इन्हें बेचकर वे अपनी आय बढ़ा रहे हैं। सारण के कई इलाकों में पान की खेती भी काफी तेजी से बढ़ रही है। डोरीगंज मांझी समेत कई इलाकों में किसान पान की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं। इससे उन्हें अच्छी खासी कमाई भी होती है। इसे खरीदने के लिए व्यापारी खेतों में आते हैं।
पान की पत्तियों को सुरक्षित रखने के लिए किसानों को इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं है। यह पूरे साल बिकती रहती है। लेकिन इसके लिए काफी मेहनत भी करनी पड़ती है। गर्मी के दिनों में इसमें अधिक पानी देना पड़ता है। वहीं, सर्दी के दिनों में इसे ठंड से बचाना बहुत जरूरी हो जाता है। किसान सर्दी के दिनों में पान की फसल को बचाने के लिए उसमें आग जलाते हैं और धुआं करते हैं। इस जुगाड़ू उपाय से किसान पान की फसल को कुछ हद तक सुरक्षित रख पाते हैं।
पान की पत्तियां उगाने वाले किसान लाखों रुपये कर रहे हैं कमाई
प्रसाद राजकिशोर चौरसिया ने मीडिया को बताया कि मैं सदर प्रखंड के भैरोपुर निजामत टोले में पान की खेती करता हूं। इसकी पैदावार काफी अच्छी होती है। मेरे पूर्वज भी पान की खेती करते थे। मैं भी यही खेती कर रहा हूं। चौरसिया जाति के अधिकांश लोग पान की खेती करते हैं। हालांकि, पान की खेती की जानकारी लेने के लिए अक्सर दूसरे किसान आते हैं। मैं उन्हें सारी बातें समझाता हूं। इसकी खेती कोई भी किसान कर सकता है। इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है। कुछ ही दिनों में यह बीमारी से खराब भी हो जाता है। गुटखा (Gutkha) आने के बाद से इसका बाजार कुछ कम हो गया है। ठंड के कारण यह जल्दी खराब भी हो जाता है। इससे यह जड़ तक सूख जाता है। इससे किसानों को काफी नुकसान होता है।