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Banana Cultivation: केले की इस वैरायटी की खेती किसान को मुनाफे के बजाए दे रहा है नुकसान

Banana Cultivation: बिहार के किसान भी खेती में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। इससे किसानों को मदद तो मिल ही रही है, साथ ही उनकी कमाई भी बढ़ रही है। इसके अलावा, बिहार के औरंगाबाद में किसान नई-नई कृषि तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं। इन फसलों को फिलहाल इलाके के कुछ ही किसान उगा रहे हैं। इस बार औरंगाबाद के किसानों ने केले की खेती भी शुरू कर दी है। यहां के किसान G9 किस्म के केले उगा रहे हैं। औरंगाबाद जिले के ओबरा प्रखंड के जियादीपुर गांव के युवा किसान सुधीर मेहता ने इसके उलट अनुभव किया।

Banana cultivation
Banana cultivation

दो बीघे में उन्होंने अधिक कमाई की उम्मीद में G9 किस्म के केले उगाए, लेकिन किसानों को कमाई की जगह घाटा हो रहा है। 2021 में केले की खेती शुरू की। सुधीर के मुताबिक, कृषि विभाग ने जियादीपुर के किसानों को 2021 में बीज उपलब्ध कराकर G9 केले उगाने का आग्रह किया था। उन्होंने कृषि विभाग के कर्मचारियों से केले उगाने की तकनीक सीखी।

इसी दौरान पता चला कि केले उगाने वाले किसानों को सरकार की ओर से सब्सिडी भी मिलती है। मैंने केले की खेती शुरू की, क्योंकि मुझे इसके जोखिम और संभावित लाभों के बारे में पता था। हालांकि, इसमें कोई शक नहीं कि लाभ नहीं होने पर भी नुकसान तो हुआ ही।

केले (Banana) की खेती से किसानों को हो रहा नुकसान

किसान सुधीर मेहता के अनुसार, उन्होंने दो बीघे में जी9 केले की खेती की, लेकिन पैदावार उम्मीद से कम रही। जी9 केले का पौधा तेजी से खराब हो रहा है। पौधे टूट रहे हैं और मुश्किल से तीन-चार दर्जन केले मिल रहे हैं। किसान के अनुसार, एक कट्ठा की खेती पर 4,000 रुपये का खर्च आता है। इसके बावजूद उन्हें इससे कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब उन्हें इसके पालन-पोषण का पछतावा हो रहा है।

केले में रोग लगने पर करें ये उपाय

जिला कृषि अधिकारी राम ईश्वर सिंह ने बताया कि जी9 केले की पैदावार से किसान लाभ भी कमा रहे हैं। कई किसानों से फल नहीं लगने की शिकायत मिली है, इस बारे में विभाग को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि केले की फसल पर मौसम का भी असर पड़ता है। कीटों और फफूंद जनित रोगों से बचाव के लिए किसानों को समय-समय पर नीम तेल या अमोनियम क्लोराइड का छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा किसानों द्वारा सब्सिडी की मांग पर कृषि पदाधिकारी ने बताया कि प्रति एकड़ 30 हजार देने का प्रावधान है।

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