AGRICULTURE

Cocopeat Manure: ये खाद गमले में डालते ही पौधों में आ जाएगी हरियाली

Cocopeat Manure: जमशेदपुर के वेद प्रकाश ने एक जैविक खाद बनाकर बागवानी के लिए एक नया तरीका अपनाया है जो बागवानों और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है। नारियल के छिलकों से बने इस खाद का नाम ‘कोकोपीट’ है। पौधों को उनकी ज़रूरत के हिसाब से नमी और पोषक तत्व देकर, यह प्राकृतिक पदार्थ न केवल मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाता है बल्कि पौधों को हरा-भरा भी रखता है।

Cocopeat manure
Cocopeat manure

कोकोपीट (Cocopeat) क्या है?

नारियल के छिलकों से बना एक जैविक खाद, कोकोपीट पौधों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है। इस खाद वाली ईंटें दुकानों में बेची जाती हैं। कोकोपीट द्वारा लंबे समय तक पानी बनाए रखने से पौधे सूखे से बच सकते हैं। यह एक पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद है जो पूरी तरह से जैविक है।

कोकोपीट कैसे बनाया जाता है?

वेद प्रकाश ने कोकोपीट बनाने की प्रक्रिया की निम्नलिखित परिभाषा दी:

नारियल के छिलकों का एक संग्रह

बाजार से, वह नारियल के छिलके इकट्ठा करते हैं।

छिलकों को सुखाना

छिलकों को धूप में पूरी तरह से सुखाया जाता है ताकि बची हुई नमी खत्म हो जाए।

पाउडर बनाना

सूखे छिलकों को बारीक पाउडर में पीसने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग किया जाता है।

ईंट का उत्पादन

दबाव डालकर, इस पाउडर को ईंटों का आकार दिया जाता है।

अंतिम उत्पाद

तैयार कोकोपीट ईंटों को पैक किया जाता है।

कोकोपीट का उपयोग कैसे किया जाता है?

ईंटों को एक बर्तन में रखना चाहिए।

कोकोपीट ईंटों को एक बड़े कंटेनर में रखें, जैसे कि एक बर्तन।

थोड़ा पानी डालें।

जब सही मात्रा में पानी डाला जाता है, तो ईंटें फैल जाती हैं और नरम, गीली खाद बन जाती हैं।

पेड़ लगाना

कोकोपीट में सावधानी से पेड़ लगाएँ और उनकी देखभाल करें।

कोकोपीट के फायदे

जल संरक्षण: यह बहुत लंबे समय तक पानी को बनाए रखता है।

मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना: यह मिट्टी की पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाने में योगदान देता है।

पर्यावरण के अनुकूल और जैविक: यह उर्वरक पूरी तरह से जैविक और पर्यावरण के लिए सुरक्षित है।

पौधों के लिए फायदेमंद: कोकोपीट पौधों की जड़ों को नमी और महत्वपूर्ण पोषक तत्व देता है।

लागत और उपलब्धता

वेद प्रकाश का कोकोपीट जमशेदपुर की लगभग सभी नर्सरी और बागवानी आपूर्ति स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है। बागवानी पसंद करने वालों के लिए यह किफ़ायती और सस्ता है क्योंकि प्रत्येक ईंट की कीमत केवल 60 रुपये है।

पर्यावरण की सुरक्षा में वेद प्रकाश की भूमिका

बागवानी को सरल बनाने के अलावा, वेद प्रकाश का काम पर्यावरण की भी काफी सुरक्षा करता है। उन्होंने नारियल के छिलकों का पुन: उपयोग करके कचरे को मूल्यवान उत्पाद में बदलने का एक बेहतरीन उदाहरण दिया है।

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