Agriculture Tips: मई के महीने में किसान खेती में करें ये काम, होगा मोटा मुनाफा
Agriculture Tips: भारत में कृषि के लिए मई का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय मौसम अभी भी गर्म और शुष्क रहता है, इसलिए फसल की देखभाल और खेत की तैयारी पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मई में रबी की फसल की कटाई लगभग पूरी हो जाती है और खरीफ की फसल (Kharif Crop) की रोपाई की तैयारी शुरू हो जाती है। अगली फसल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, किसान इस पूरे महीने में पानी देने, खाद डालने और खेत की जुताई की देखरेख करते हैं। इसके अलावा, बीज उपचार, सिंचाई प्रणाली के रखरखाव और कीट और रोग प्रबंधन पर भी ध्यान दिया जाता है।

कृषि चक्र में, मई एक महत्वपूर्ण महीना होता है, जब सावधानीपूर्वक तैयारी और परिश्रम खरीफ फसलों (Kharif Crops) की सफलता को प्रभावित करता है। अभी किए गए उचित कृषि प्रबंधन से पूरे वर्ष का कृषि उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
जायद की फसलों की अच्छी देखभाल
जरूरत पड़ने पर तिल, उड़द और मूंग जैसी फसलों की सिंचाई करें। फसल पकने से 15 दिन पहले पानी देना बंद कर दें। फसल के मौसम के दौरान, लगभग तीन से चार सिंचाई की आवश्यकता होती है। अगर चूसने वाले कीट का प्रकोप हो तो 5 मिली इमिडाक्लोप्रिड (5 ml Imidacloprid) का उपयोग करें। प्रत्येक स्प्रेयर के लिए 15 लीटर पानी तैयार करना चाहिए, फिर छिड़काव करना चाहिए।
गर्मियों की उपज
भिंडी सहित सभी बेल वाली सब्जी की फसलें अब खिल रही हैं। भिंडी की फसल को लाल कीटों और पीली शिरा रोग से बचाने के लिए एसिटामिप्रिड स्प्रे (Acetamiprid Spray) का उपयोग करें। पीले पड़ चुके भिंडी के पौधों को उखाड़कर खेत की किनारे की मिट्टी में दबा देना चाहिए।
मशीन से काटे गए गेहूं के खेत की जुताई के लिए रोटावेटर का करें उपयोग
आधुनिक युग में खेती में मशीनरी का उपयोग बढ़ गया है। गेहूं की कटाई के लिए कंबाइन (हार्वेस्टर) का उपयोग किया जाता है। यह फसल को काफी ऊंचाई से काटता है। परिणामस्वरूप स्टंप खेत में ही रह जाते हैं। डंठलों को जलाना पर्यावरण (Environment) के साथ-साथ खेत की उर्वरक शक्ति के लिए भी बुरा है। ऐसे में अच्छी बारिश के बाद खेत को साफ करने के लिए रोटावेटर हल का उपयोग करना चाहिए। इससे डंठल छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखर जाते हैं, जो बारिश के बाद खेत में ही सड़ कर खाद बन जाते हैं।
मूंग और उड़द की बुआई
किसानों को अगर जरूरी हो तो इस महीने तक ग्रीष्मकालीन उड़द और मूंग की बुआई (Sowing of Green Gram) पूरी कर लेनी चाहिए। साथ ही, इससे खरीफ की फसलें तय समय पर बोई जा सकेंगी। इसमें देरी होने से दालों के उत्पादन और अगली फसल की तैयारी पर भी असर पड़ेगा। अरहर बोने से पहले खेत की जुताई पूरी कर लें। केवल बेहतर किस्म के बीज बोने की जरूरत है।
चावल की नर्सरी के लिए खेत कर लें तैयार
चावल की नर्सरी (Rice Nursery) का निर्माण भी जल्द ही शुरू हो जाएगा, इसलिए उन्नत किस्म के बीज, खाद, कीटनाशक और खरपतवार नाशक खरीद लें। खेत की जुताई के बाद आराम करें। बारिश के बाद एक बार फिर जुताई करवाएं ताकि धूप से खरपतवार खत्म हो जाएं। अगर इसके बाद भी खरपतवार हैं तो नर्सरी के खेत से उन्हें हटा दें।
मिट्टी में गोबर और कम्पोस्ट खाद मिलाएं
कुछ इलाकों में किसान चावल की कटाई के बाद बिना जुताई किए सरसों, मटर, मसूर (Mustard, Peas, Lentils) और अलसी की फसलें लगा देते हैं। वैसे तो ये फसलें पहले ही कट चुकी हैं, लेकिन अगर जमीन उबड़-खाबड़ है, तो उसे समतल कर दें, ताकि कम पानी में भी अच्छी फसल पैदा हो सके। जून में फसल बोने के लिए जमीन की जुताई करवा लें। खेत में कम्पोस्ट खाद (Compost Manure) या गोबर डालकर उसे मिट्टी में मिला दें और फिर से जुताई करें। खाद की शक्ति बढ़ने से फसल अच्छी होगी और उत्पादन भी अच्छा होगा। जब मानसून आता है, तो खरीफ सीजन शुरू हो जाता है। खरीफ सीजन में धान की खेती सबसे ज्यादा होती है, जबकि दूसरी फसलें भी बोई जाती हैं। खरीफ सीजन में मुनाफा बढ़ाने के लिए उन्नत किस्म के बीज बोना बहुत जरूरी है।