AGRICULTURE

Mango Farming: बढ़ती गर्मी के बीच ऐसे रखें आम की फसल का ख्याल

Mango Farming: मौसम में आए बदलाव के कारण किसान आम की खेती को लेकर चिंतित हो रहे हैं। ऐसे में अप्रत्याशित बारिश और बढ़ता तापमान आम के पेड़ों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। वहीं, आपको बता दें कि किसानों को अप्रैल के महीने में आम के पेड़ों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इस महीने आम के पेड़ पर बौर और फल (Blossom and Fruit) बनने की प्रक्रिया शुरू होती है।

Mango farming
Mango farming

अंबाला के तेपला गांव में कृषि विज्ञान केंद्र में आयोजित विशेष सत्र के जरिए आम उगाने वाले किसानों को अपने बाग की देखभाल के बारे में सलाह भी दी जा रही है। डॉ. अमित बालियान ने मीडिया को बताया कि इस साल असामान्य मौसम के कारण आम के पेड़ों पर नकारात्मक असर (Negative Impact) पड़ सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि किसान फसल की देखभाल के तौर-तरीके तुरंत अपनाएं।

जलभराव को रोकने के लिए अपनाएं ये उपाय 

उनके अनुसार, अप्रैल में खिलने और फल बनने के मौसम के दौरान अत्यधिक गर्मी या अप्रत्याशित बारिश से पेड़ों को नुकसान हो सकता है। जलभराव को रोकने के लिए, इस अवधि के दौरान हल्की सिंचाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि तेज हवाएं और बारिश से फूल झड़ सकते हैं, इसलिए ऐसी स्थिति में हवा की दिशा और गति को नियंत्रित करने के लिए बगीचों में बाड़ या पेड़ लगाए जाने चाहिए जो हवा को झेल सकें। इसके अलावा, मीलीबग्स, पाउडरी फफूंद और थ्रिप्स (Mealybugs, Powdery Mildew and Thrips) जैसे कीट अक्सर आम के फलों और फूलों पर हमला करते हैं, इसलिए कभी-कभी जैविक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने पौधे को ताजा जीवन देने और धूप और ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखने के लिए पुराने, सूखे डंठलों को काटने और हटाने की सलाह दी।

फलों को अत्यधिक तापमान से कैसे बचाएं

उनके अनुसार, अत्यधिक तापमान में फलों के जलने की संभावना होती है, इसलिए छाया जाल या मल्चिंग विधियां आवश्यक हैं। सूचित निर्णय लेने के लिए, डॉ. अमित बालियान ने सुझाव दिया कि किसान भारतीय मौसम विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली पूर्वानुमान सेवाओं का उपयोग करें। इसके अलावा, आप कृषि विज्ञान केंद्र (Agricultural Science Centre) पर जाकर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उनके अनुसार, यदि किसान उत्पादन के हर चरण में वैज्ञानिक सिफारिशों का पालन करते हैं, तो आम की गुणवत्ता बरकरार रहेगी और उत्पादन में वृद्धि होगी।

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