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Success Story: LIC की नौकरी छोड़ खेती में आजमाया अपना हाथ, अब कमा रहे हैं लाखों रुपए

Success Story: दौसा के एक युवक ने एलआईसी की नौकरी छोड़कर खेती करने का फैसला किया है। वह जैविक खेती के मौजूदा तरीकों का इस्तेमाल कर कई तरह की फसलें, फल और सब्जियां (Crops, Fruits and Vegetables) उगाकर अच्छी कमाई कर रहा है। वह सालाना पचास लाख रुपये कमाता है। मूल रूप से किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले लालसोट के डीडवाना कस्बे के मूल निवासी श्याम सुंदर शर्मा जीवन बीमा निगम में काम करते थे, लेकिन हमेशा से ही खेती में करियर बनाने की ख्वाहिश रखते थे।

Success story
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उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर 20 बीघा जमीन स्वतंत्र रूप से खरीदी और उस पर पॉलीहाउस बनाकर जैविक खेती (Organic Farming) शुरू की। इससे सकारात्मक नतीजे मिले और खेती शुरू हो गई। इस अभिनव प्रयास के लिए उन्हें कई मंचों पर पहचान मिली। कृषि विभाग के अधिकारी उनके खेत पर आते हैं और किसानों को निर्देश देते हैं।

एक किसान ने खेती करने के लिए छोड़ दी नौकरी

किसान श्याम सुंदर के मुताबिक, मैं सरकार के लिए काम करता हूं और मुझे 60,000 रुपये महीने का वेतन मिलता है। लेकिन किसान होने से मुझे खुशी मिलती है। आठ साल की खेती के बाद अब मैं जैविक तरीकों का इस्तेमाल कर 28 तरह की फसलें उगाता हूं। मैंने 2018 में 60 लाख रुपए खर्च करके खटवा (दौसा) के निकटवर्ती गांव में कृषि भूमि खरीदी और कृषि विभाग के प्रतिनिधियों से सलाह-मशविरा करने के बाद वहां पॉलीहाउस (Polyhouse) बनवाया। मैं अभी पॉलीहाउस में खीरे की खेती कर रहा हूं।

हम यह फसल भी तैयार करते हैं

मैं मौसम के हिसाब से गेहूं, जई, चना, मक्का, टमाटर, बैंगन, गोभी, खीरा, पपीता और मिर्च के साथ-साथ कई तरह के फल और सब्जियां भी उगा रहा हूं। मेरे पिता रेवड़मल शर्मा किसान हैं। लालसोट के डीडवाना में पिताजी परंपरागत खेती (Traditional Farming) करते रहे हैं। मैंने पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया। 2010 में लेबर लॉ का दो साल का कोर्स पूरा करने के बाद मुझे एलआईसी में विकास अधिकारी के पद पर नौकरी मिल गई। मैंने यहां आठ साल तक काम किया और 2018 में कृषि में करियर बनाने के लिए नौकरी छोड़ दी।

श्यामसुंदर शर्मा 20 बीघा जमीन पर 27 से 28 तरह की फसलें उगाते हैं, जिनमें लौकी, टिंडा, करेला, टमाटर, खीरा, गेहूं, चना, मक्का और कई अन्य फसलें शामिल हैं। इसके अलावा, मैं पपीता, करेला, नींबू और आम भी उगाता हूं। मुझे यह काम करते हुए आठ-दस साल हो गए हैं और मुझे यह अभी भी पसंद है। जब मैं राजस्व सेवा में काम करता था, तब मुझे उतना संतोष नहीं होता था, जितना अब खेती करके होता है।

समाज की दशा और दिशा को बेहतर बनाना

कृषि में काम करने से मुझे बहुत खुशी मिलती है। क्योंकि मैं समाज (Society) की दशा और दिशा को बेहतर बनाना चाहता हूं, इसलिए मैं अपने प्रयास से बहुत से लोगों से जुड़ पाया हूं। कृषि में किस तरह का श्रम शामिल है? हम इसे व्यापक रूप से प्रचारित करके कर सकते हैं। हमारे देश में 50% लोग कृषि में काम करते हैं। कृषि विभाग ने भी मेरी काफी मदद की है।

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