Success Story: इस किसान ने बंजर खेत में ‘पीला सोना’ उगाकर बदल दी अपनी किस्मत
Success Story: छत्तीसगढ़ के कोरबा क्षेत्र के भटगांव में एक किसान ने अपनी लगन और कड़ी मेहनत से बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर ‘पीला सोना’ पैदा किया है। आदिवासी समुदाय (Tribal Communities) के एक सदस्य की यह प्रेरक कहानी दिलीप कुमार कंवर के जीवन को बदलने के साथ ही अन्य किसानों के लिए एक आदर्श बन रही है।

कभी शुष्क रहे इस इलाके में दिलीप ने सूरजमुखी के पौधे लगाए हैं। उन्होंने पहले जमीन की अच्छी तरह जुताई की और फिर उसमें जैविक खाद डालकर उसे उपजाऊ बनाया। काफी मेहनत के बाद जब फसल पक गई तो उन्होंने उसमें सूरजमुखी के बीज बो दिए। दिलीप के खेत में भीषण गर्मी के बावजूद सूरजमुखी के फूल खिले हुए हैं। सूरजमुखी के फूलों की खासियत यह है कि उनकी पंखुड़ियां सूरज की तरफ खुलती हैं। दिलीप ने अपनी फसल की देखभाल की और सूरजमुखी की फसल से प्रेरणा ली।
दो से ढाई लाख का मुनाफा
हालांकि दिलीप की खेती इससे कहीं आगे जाती है। इसके अलावा उन्होंने मूंगफली और सूरजमुखी की फसल भी लगाई। इस तरह से वे एक साथ दोहरी खेती कर रहे हैं। दिलीप ने बताया, ”मैंने तीन एकड़ जमीन पर यह फसल लगाई है।” इसके अलावा उन्होंने मेड़ों को सूरजमुखी के फूलों से सजाया है। इसके अलावा मेड़ों के नीचे मूंगफली भी बोई है।
फरवरी में खेती शुरू करने के बाद दिलीप मई में फसल काटने की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें सूरजमुखी और मूंगफली से तेल निकालकर दो से ढाई लाख रुपये कमाने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि पहले उनकी ज़मीन बिल्कुल बंजर थी और कुछ भी उगाने के लिए बेकार थी। लेकिन, उन्होंने जैविक खाद (Organic Fertilizer) डालकर और महीनों तक खेतों की जुताई करके इसे उपजाऊ बना दिया।
बंजर ज़मीन पर उपजाऊपन पैदा किया
दिलीप की उपलब्धियों से समुदाय के दूसरे किसान भी प्रेरित हुए हैं। भटगांव के करीब दस किसान अब तीस एकड़ में सूरजमुखी के फूल उगा रहे हैं। कुछ किसानों के पास कम फूल हैं, तो कुछ के पास ज़्यादा उपज है। सूरजमुखी का फूल (Sunflower) अगर बड़ा होगा, तो ज़्यादा तेल छोड़ेगा। लेकिन, अब दिलीप के उदाहरण के बाद, इस समुदाय के किसान सूरजमुखी के फूल उगाने लगे हैं। दिलीप की कहानी दर्शाती है कि कैसे उपजाऊ ज़मीन को भी उपजाऊ बनाया जा सकता है और कैसे लगन और कड़ी मेहनत से किसानों की ज़िंदगी बदली जा सकती है।