Gaderi Farming: अप्रैल में करें इस सब्जी की खेती, सर्दियों में होगी बंपर कमाई
Gaderi Farming: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में गडेरी की सब्जी काफी लोकप्रिय है। यह शहर और देहात दोनों जगहों पर तेजी से लोकप्रिय हो रही है। आजकल गडेरी उगाना एक लाभदायक प्रयास है। खास तौर पर अप्रैल में इसे लगाना साल का सबसे अच्छा समय माना जाता है। अगर किसान इस समय सही बीज जैसे कि स्वस्थ पिनालू (Healthy Pinalu) का चयन करके इसकी खेती शुरू करते हैं तो नवंबर तक अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।

एक नकदी फसल
स्थानीय भाषा में गडेरी को अरबी या कोलोकेसिया (Arabis or Colocasia) भी कहा जाता है। सर्दियों के महीनों में प्रीमियम दरों पर इसकी बिक्री इसकी सबसे बड़ी खासियत है। सर्दियों में गडेरी का बाजार मूल्य 80 रुपये से लेकर 300 रुपये प्रति किलोग्राम तक होता है। इस वजह से पहाड़ी किसान इसे नकदी फसल के रूप में देखने लगे हैं।
कैसे चुनें उपयुक्त पिनालू
पिनालू वह कंद है जिसका उपयोग इसकी खेती शुरू करने के लिए किया जाता है। अपने बीजों के लिए मध्यम आकार का, सड़न रहित और स्वस्थ पिनालू (Rotten and healthy Pinalu) चुनें। कुछ दिनों तक इन पिनालू को घर में सुरक्षित रखने के बाद, जैसे ही कलियाँ निकलनी शुरू होती हैं, उन्हें खेत में रोप दें। पिनालू को सीधे जमीन में रोपने के एक सप्ताह के भीतर, ताज़ी कलियाँ निकलनी शुरू हो जाती हैं।
कलियाँ निकलते ही खेत में क्यारियाँ बनाकर बो देना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पौधों को विकसित होने के लिए पर्याप्त जगह मिले, बीजों को एक पंक्ति में लगाएँ और हर एक के बीच उचित अंतर रखें। गडेरी को बहुत ज़्यादा पानी की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन कभी-कभी इसे सींचना और निराई करना पड़ता है।
किस्म के आधार पर इसका स्वाद अलग-अलग होता है
गडेरी के कई प्रकार हैं, जो इसे अनोखा बनाते हैं। जिनमें से “खंडेरी” नाम है। ये प्रकार गुणवत्ता और स्वाद में भी भिन्न होते हैं। जिनकी बाज़ार में बहुत ज़्यादा माँग है। अगर खेती की सभी प्रक्रियाओं का ठीक से पालन किया जाए, तो नवंबर तक गडेरी की अच्छी फसल पैदा हो जाती है और किसान सर्दियों में इसकी ऊँची कीमतों का फ़ायदा उठाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। पहाड़ के किसानों के लिए मुनाफ़ा कमाने के अलावा, यह खेती पारंपरिक खेती (Traditional Farming) को सहारा देने का एक शानदार तरीका है।