Sunflower Cultivation: सूरजमुखी की इन किस्मों की करें खेती, सिर्फ 3 महीने में बन जाएंगे करोड़पति
Sunflower Cultivation: परंपरागत खेती के अलावा किसान आधुनिक खेती की ओर भी रुख कर रहे हैं। ऐसे में किसानों को ऐसी फसलें चुननी चाहिए जो कम लागत में अधिक मुनाफा दे सकें। किसानों को सूरजमुखी उगाना (Growing Sunflowers) एक लाभदायक प्रयास लग सकता है। इसकी खेती किसानों को बहुत अधिक लाभ दे सकती है।

खेत को अच्छी तरह से तैयार करना
सूरजमुखी तिलहन फसल समूह में आता है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार (Uttar Pradesh, Karnataka, Andhra Pradesh, Maharashtra and Bihar) में इसे व्यापक रूप से उगाया जाता है। इस फसल के लिए काली मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। सूरजमुखी की अच्छी पैदावार के लिए खेत को अच्छी तरह से तैयार करना जरूरी है। खेत को तैयार करने के लिए दो या तीन बार हल चलाना पड़ता है।
एक एकड़ में कितने किलो बीज लगते हैं
आजमगढ़ कोटवा में कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश यादव के अनुसार सूरजमुखी की खेती (Sunflower Cultivation) के लिए जमीन को पर्याप्त रूप से तैयार करने के अलावा बीज उपचार भी बहुत जरूरी है। अगर बीजों की उचित देखभाल नहीं की गई तो फसल का उत्पादन प्रभावित हो सकता है क्योंकि वे प्रभावी रूप से अंकुरित नहीं होंगे।
एक हेक्टेयर में सूरजमुखी के बीज लगाने के लिए 12 से 15 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। दूसरी ओर, संकर प्रजातियों के बीजों को प्रति एकड़ 5-7 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
ये किस्में अच्छा मुनाफा देती हैं
सूरजमुखी की कुछ अनूठी किस्में किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकती हैं। समकालीन फसल को पकने में 75 से 80 दिन लगते हैं। पौधे की ऊंचाई 80 से 100 सेमी और व्यास 12 से 15 सेमी होता है। तेल की मात्रा 34 से 38 प्रतिशत के बीच निर्धारित की गई है, और इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 7 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ है।
पकने की प्रक्रिया में 80 दिन लगते हैं
सूर्या किस्म को पकने में 80 से 85 दिन लगते हैं। इसकी ऊंचाई 110 से 150 सेमी और व्यास 12 से 15 सेमी के बीच होता है। औसत उत्पादन 12 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जिसकी अधिकतम उपज क्षमता 6 क्विंटल प्रति एकड़ है। इस किस्म में 35 से 37 प्रतिशत तेल होता है।
यह किस्म नब्बे दिन में उपलब्ध हो जाएगी
हाइब्रिड सूरजमुखी किस्मों (Hybrid Sunflower Varieties) में केवीएसएच-1 को बेहतरीन माना जाता है। 90 से 95 दिन में यह तैयार हो जाएगी। यह पौधा 150-180 सेमी ऊंचा और 15-20 सेमी व्यास का होता है। इसमें तेल की मात्रा 43 से 45 प्रतिशत होती है और इसकी अधिकतम उत्पादन क्षमता 12 क्विंटल प्रति एकड़ है। सूरजमुखी की खेती किसानों के लिए फायदेमंद होने के साथ-साथ तिलहन की पैदावार बढ़ाने में भी सहायक हो सकती है।