Betel Development Scheme: राज्य सरकार पान की खेती पर दे रही है 50% सब्सिडी, जानिए कैसे उठाएं लाभ…
Betel Development Scheme: पान विकास योजना के तहत बिहार सरकार के कृषि विभाग के बागवानी निदेशालय द्वारा पान की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार (State Government) के इस कार्यक्रम के तहत कम आय वाले किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी। दरअसल, पान विकास योजना के तहत किसानों को 50% सब्सिडी मिलेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होने की उम्मीद है। इस योजना में राज्य के सात जिले शामिल हैं, जिनमें नालंदा सबसे महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार की इस पहल में आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है और आवेदन की अंतिम तिथि 25 मार्च है।

आपको बता दें कि पान विकास योजना (Betel Development Scheme) के तहत नालंदा जिले में 10,000 वर्ग मीटर में पान की खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। किसान 100 से 300 वर्ग मीटर में पान की खेती कर सकते हैं। इस मामले में, कृपया हमें सभी प्रासंगिक जानकारी विस्तार से प्रदान करें।
योजना का प्राथमिक लक्ष्य
- किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- पान के उत्पादन को बनाए रखना और आगे बढ़ाना।
- दूरदराज के समुदायों में रोजगार की संभावनाएं प्रदान करना।
अनुदान और लागत का विवरण
- 100 वर्ग मीटर पर खेती के लिए 11,750 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
- 300 वर्ग मीटर पर खेती के लिए अधिकतम 35,250 रुपये का अनुदान उपलब्ध है।
- कुल लागत (300 वर्ग मीटर के लिए) लगभग 70,500 रुपये है।
नालंदा: पान उत्पादन का एक महत्वपूर्ण केंद्र
प्रदान की गई जानकारी के आधार पर, इस्लामपुर और राजगीर के नालंदा क्षेत्रों में लगभग 400 बीघे में पान की खेती की जाती है। बौरीसराय, बौरीडीह, खुदागंज और आस-पास के गाँव मगही पान के उत्पादन के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। इस योजना में नालंदा, शेखपुरा, नवादा, औरंगाबाद, गया, वैशाली और सारण जिले शामिल हैं।
पान विकास योजना के लाभ
- किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- ग्रामीण समुदायों (Rural communities) में रोजगार की नई संभावनाएँ पैदा होंगी।
- पारंपरिक पान की खेती को संरक्षण मिलेगा।
- राज्य में पान की पैदावार बढ़ेगी।
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- अपडेट की गई भूमि रसीद
- बैंक खाते का विवरण
इस प्रणाली के तहत किसानों के आवेदनों पर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर विचार किया जाएगा।
योजना की पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
- किसान अकेले या समूह में आवेदन कर सकते हैं।
- पिछले एक या दो साल में इस कार्यक्रम से लाभान्वित हुए किसान दोबारा आवेदन करने के पात्र नहीं हैं।
- अनुदान मिलने के तीन साल बाद तक यह लाभ फिर से नहीं मिलेगा।