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Scholarship Scheme: योगी सरकार इस नई योजना के तहत बच्चों को शिक्षा के लिए देगी 9000 रुपये, जानें कैसे उठाएं लाभ…

Scholarship Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदम की बदौलत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं (Anganwadi Workers and Assistants) के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल है। योगी प्रशासन ने बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया है, जो बच्चों की शिक्षा में सहायक होगा। दरअसल, सरकार कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को सालाना 3,000 रुपये तक का अनुदान देगी। यह राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी, जिससे बच्चों की शिक्षा निर्बाध रूप से जारी रहेगी।

Scholarship scheme
Scholarship scheme

आपको बता दें कि यूपी सरकार के इस कार्यक्रम का लाभ बच्चों को तीन साल तक मिलेगा। कृपया हमें राज्य सरकार की इस परियोजना के बारे में विशेष जानकारी दें।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बच्चों को अनुदान क्यों मिलता है?

मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में ब्लॉक स्तर (Block Level) पर लगभग 175 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कार्यरत हैं, जिनका मानदेय बहुत कम है, जिससे उनके बच्चों की शिक्षा पर काफी असर पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने सीएसआर फंडिंग के माध्यम से अनुदान राशि प्रदान करने का विकल्प चुना है।

आवेदन करने के लिए कौन पात्र है?

  • विधवा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बच्चों को 50% वरीयता दी जाएगी।
  • बेटियों को उच्च शिक्षा में सहायता देने के लिए, छात्राओं के लिए 25% आरक्षित रखा गया है।
  • निम्न आय वाले परिवारों के बच्चों को 25% बोनस मिलेगा।
  • यह कार्यक्रम कक्षा 9 से 12 तक के सभी योग्य छात्रों के लिए उपलब्ध होगा।

उपहार किस तरह स्वीकार किया जाएगा?

  • जिला सरकार द्वारा सभी प्राप्तकर्ताओं की सूची तैयार की जा रही है।
  • डेटा तैयार होने के बाद सरकार सीधे खाते में धनराशि जमा करेगी।
  • सभी को समय पर लाभ मिले, इसके लिए कार्यकर्ताओं से उनके बच्चों की जानकारी मांगी जा रही है।
  • हर समुदाय को डिजिटल शिक्षा तक पहुंच होगी और प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक डिजिटल लाइब्रेरी होगी।
  • राज्य प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को डिजिटल बनाने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है।
  • दूरदराज के क्षेत्रों में बच्चों को समकालीन शैक्षिक सामग्री (Contemporary educational materials) तक पहुंच प्रदान करने के लिए, पहले चरण में 22,700 ग्राम पंचायतें डिजिटल लाइब्रेरी बनाएंगी।

डिजिटल लाइब्रेरी से क्या लाभ होंगे?

  • ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को डिजिटल संसाधन, ई-बुक और ऑनलाइन स्टडी गाइड (Digital resources, e-books, and online study guides) उपलब्ध होंगी।
  • गांवों में अब उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा भी आसानी से उपलब्ध होगी।
  • ऑनलाइन पढ़ाई से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी आसान हो जाएगी।

डिजिटल लाइब्रेरी का रखरखाव कौन करेगा?

ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव राज्य की डिजिटल लाइब्रेरी (Digital Library) के प्रभारी होंगे। ग्राम पंचायत स्तर पर सहायक अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए नियुक्त किया जाएगा कि सब कुछ ठीक से चले। उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को अपनी मंजूरी दे दी। उनके अनुसार, ग्रामीण छात्रों को डिजिटल इंडिया में भाग लेने के लिए, शैक्षिक प्रणाली को डिजिटल बनाना होगा। सरकार का प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बच्चों की शिक्षा में सुधार करेगा।

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