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Cultivation of Moong Dal: इस दाल की खेती कर किसान बनेंगे करोड़पति, जानिए कैसे करें खेती…

Cultivation of Moong Dal: दाल की खेती से कई किसान मालामाल हो रहे हैं। खेती से मोटी कमाई करने की महत्वाकांक्षा को साकार किया जा सकता है। उत्पादन में कमी के कारण दालों (Pulses) का आयात हर साल बढ़ रहा है। मूंग दाल भी तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इस बीच इसकी खेती से किसान को ज्यादा फायदा हो सकता है। बशर्ते खेती सही तरीके से की जाए। खेती पर नजर रखें और कोई समस्या आने पर विशेषज्ञ से सलाह लेने से न डरें।

Cultivation of moong dal
Cultivation of moong dal

मूंग दाल की खेती से किसानों को फायदा

श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार सिंह के अनुसार मूंग की खेती (Cultivation of Mung Bean) अब किसानों के लिए और भी फायदेमंद हो गई है। इस कृषि में सिंचाई की व्यवस्था होनी चाहिए। मूंग की खेती में ज्यादा खाद की जरूरत नहीं पड़ती।

कुछ ही दिनों में फसल हो जाएगी तैयार

कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद मूंग की पहली प्रजाति “नरेंद्र मूंग-01” का स्रोत है, जबकि बीएचयू दूसरी प्रजाति “मालवीय जागृति” का स्रोत है। इन दोनों के लिए कोई उपाय नहीं है। करीब 65 से 70 दिन में यह फसल तैयार हो जाएगी।

रोपण की विधि

एक बीघा जमीन में चार से साढ़े चार किलो बीज की जरूरत होती है। रोपने से पहले खेत की जुताई कर उसमें पर्याप्त नमी सुनिश्चित कर लें। बीज को राइजोबियम कल्चर (Rhizobium Culture) से उपचारित कर 5 से 6 सेमी गहराई में बोएं। बीज बोने से पहले उपचारित करने पर बंपर फसल प्राप्त होती है। इसकी खेती में बीमारियों से बचने के लिए फिनोल फॉस का इस्तेमाल किया जा सकता है।

कितना खाद इस्तेमाल करना चाहिए?

फास्फोरस युक्त खाद का इस्तेमाल ज्यादा करना चाहिए। एक बीघा में करीब 15 किलो फास्फेट, 10 किलो पोटाश और 8 से 10 किलो सल्फर का इस्तेमाल करें। शुरुआती कई दिनों में पांच किलो नाइट्रोजन (Nitrogen) की जरूरत होती है। याद रखें कि फसल पकने से 15 दिन पहले सिंचाई बंद कर देनी चाहिए। एक बीघा में सही देखभाल से 10 से 14 क्विंटल मूंग की पैदावार हो सकती है। इसके अलावा, इससे हरा बायोमास भी मिलता है।

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