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Success Story: इंजीनियरिंग छोड़कर खेती-किसानी कर रहा है बलिया का ये किसान, बन गया मालामाल

Success Story: हम आपको एक ऐसे युवा किसान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने स्नातक करने के बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में अपना शानदार करियर छोड़ दिया। यह युवा किसान होने के साथ-साथ सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। आज वह पेशेवरों की मदद से खेती को एक नया नजरिया दे रहा है। हम बात कर रहे हैं बलिया के बसंतपुर के रहने वाले दुष्यंत कुमार सिंह की, जिन्होंने नौकरी छोड़कर किसान बन गए और अब दूसरों को रोजगार दे रहे हैं।

Success story
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इस किसान के पास बी.टेक की डिग्री है। युवा किसान दुष्यंत कुमार सिंह ने बताया कि वह जिले के बसंतपुर में रहते हैं। दुष्यंत बी.टेक करने के बाद बेंगलुरु में कैलिक्स कंपनी में मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम करते थे। इस क्षेत्र के जाने-माने व्यक्ति सुभाष पाल से मिलने के बाद दुष्यंत ने अचानक एआई की नौकरी छोड़ दी और खेती करने लगे।

क्या गेहूं उगाना फायदेमंद है?

दुष्यंत अब खपली किस्म का गेहूं उगा रहे हैं। इस पौधे की पारंपरिक किस्में हैं। यह पोषण का भंडार है। दुष्यंत ने इसकी विभिन्न विशेषज्ञताओं के कारण इसे उगाया है। उन्होंने बताया कि अब तक फसल अच्छी चल रही है। अपने खेत में दुष्यंत अब दस से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देते हैं।

देशी गायों के साथ बेहतरीन खेती

दुष्यंत अपनी पूरी तरह से प्राकृतिक खेती के लिए देशी गायों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने खेती के लिए सत्रह देशी गायों की नस्लें पाली हैं। वे खाद, जीवामृत, बीजामृत, कृपामृत और पंचगव्य जैसी खादों का इस्तेमाल करते हैं। उनका दावा है कि जैविक खेती रासायनिक खेती से कहीं बेहतर है। बेहतर का मतलब है कि इस तरह की खेती से पैदा होने वाला उच्च गुणवत्ता वाला भोजन रासायनिक खेती (Chemical Farming) से नहीं मिल सकता।

खपली का इस्तेमाल करके आप अमीर बन सकते हैं।

दुष्यंत के मुताबिक, वे एक बीघा में खपली किस्म का गेहूं उगा रहे हैं। एक बीघा में करीब आठ क्विंटल उत्पादन हो सकता है। अगर हम इसे 100 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से भी देखें तो किसान 5 बीघा में आसानी से 4 लाख रुपये का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, जो कि 80,000 रुपये प्रति बीघा की उपज है।

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