Banana crop: केले की फसल हो रही है खराब, तो इन टिप्स से करें बचाव
Banana crop: सर्दी का केले की फसल पर खासा असर पड़ता है। ऐसे में किसान काफी परेशान रहते हैं। इस मौसम में केले के पत्ते पीले और भूरे होने लगते हैं। इसका असर पौधे की वृद्धि पर भी पड़ता है। सर्दी में केले की फसल को प्रभावित करने वाला एक खतरनाक रोग पीला सिगाटोका रोग है। पत्तियों पर हल्के पीले रंग के धब्बे इस रोग के पहले लक्षण हैं। यह रोग पौधों की सर्दियों में वृद्धि और विकास को धीमा कर देता है। चूंकि केले उष्णकटिबंधीय पौधे हैं, इसलिए ठंड से होने वाले नुकसान के प्रति केले अधिक संवेदनशील होते हैं।
ठंड से पौधे की वृद्धि, विकास और कुल उपज सभी प्रभावित होते हैं। केले की खेती के लिए जरूरी सलाह जानकारी देते हुए जिला उद्यान अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि ठंड का केले के पेड़ों पर असर पड़ता है। ऐसे में किसान काफी परेशान रहते हैं। केले की फसल की सिंचाई करने से कई बीमारियां दूर होती हैं। खास तौर पर सर्दियों में सिंचाई करते समय केले के खेत में पानी भरने से बचना चाहिए।
जल निकासी सही तरीके से होनी चाहिए।
केले की फसल में पोटेशियम और फास्फोरस युक्त उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिए। केले की फसल को सर्दियों में सुरक्षित रखने के लिए जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में पानी देना बहुत जरूरी है। केले के खेत में नमी की मात्रा को स्थिर रखें।
केले (Banana) के पौधे पर पानी छिड़कने के लिए इसका इस्तेमाल करें।
रासायनिक फफूंदनाशक कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करने के लिए एक ग्राम प्रति लीटर पानी का घोल तैयार करना चाहिए। आजकल यूपी के लखीमपुर जिले में केले की खूब खेती होती है। अगर आप भी सर्दियों के महीनों में अपने केले के पौधों को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो इन सुझावों का इस्तेमाल करें।