Turnip Cultivation: किसान इस सब्जी की करें खेती, 60 दिनों में हो जाएंगे मालामाल
Turnip Cultivation: किसान आजकल खेती से जुड़े कई तरीके अपना रहे हैं। किसान नए-नए फल और सब्जियां उगाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मीडिया से बातचीत में शिवम ने बताया कि वह शलजम उगाते हैं। इससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर क्षेत्र के अर्जुनपुरवा के युवा किसान शिवम पिछले पांच सालों से लगातार सब्जियां उगा रहे हैं। किसान ने तथ्य देते हुए बताया कि सब्जियां उगाने से उन्हें ज्यादा कमाई हो रही है। उनका दावा है कि सब्जियां उगाने में ज्यादा पैसे खर्च नहीं होते और इससे कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिल सकता है।
शलजम उगाने वाले किसान खास तौर पर शलजम सर्दियों की फसल है। इसे खाने में शामिल करने पर यह हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और सूजन जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। इसे सलाद में भी डाला जा सकता है। शलजम की फसल पकने में 40 से 60 दिन का समय लेती है। सर्दियों के महीनों में शलजम की बाजार में काफी मांग रहती है क्योंकि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
बाजार में इसके अच्छे दाम मिल रहे हैं। किसान ने पत्रकारों को बताया कि बाजार में इसे 40 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा जा रहा है। किसान शिवम के लिए शलजम की खेती काफी अच्छा मुनाफा दे रही है। इसे बेचना किसानों के लिए कोई समस्या नहीं है।
शलजम (Turnip) उगाने के लिए किस तरह की मिट्टी की जरूरत होती है?
शलजम उगाने के लिए रेतीली, दोमट या रेतीली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इस मिट्टी में शलजम की जड़ें अच्छी तरह से जम जाती हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता और विकास बढ़ता है। खेत की तैयारी करते समय गहरी जुताई करना बहुत जरूरी है। पौधों को पर्याप्त जगह देने के लिए, बीजों को 20 से 25 सेमी की दूरी पर पंक्तियों में लगाया जाता है।