Wheat Farming Tips: दिसंबर में गेहूं की बुआई करनी हो, तो इन किस्मों का करें चयन
Wheat Farming Tips: झारखंड और बिहार में रबी सीजन में गेहूं की खेती सबसे ज्यादा होती है, हालांकि चावल की कटाई में देरी होने पर कुछ किसान गेहूं की बुआई में पिछड़ जाते हैं। अगर ऐसी स्थिति में दिसंबर में भी गेहूं की बुआई करनी पड़े तो किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, किसान इस समय एक खास किस्म का चयन करके सही तरीके से बीज बो सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं।
देर से बुआई करने से न डरें।
हालांकि नवंबर में गेहूं की बुआई का मौसम होता है, लेकिन अगर किसी कारण से धान की कटाई में देरी होती है तो किसान गेहूं की बुआई कर सकते हैं। कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार कहते हैं कि देर से बुआई के लिए एक खास किस्म का चयन करना जरूरी है। इन किस्मों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती और इनकी उपज 110 से 120 दिन में तैयार हो जाती है। तीन या चार बार सिंचाई करने से किसान अच्छी पैदावार पा सकते हैं।
इन किस्मों का चयन करें।
कृषि विशेषज्ञ देर से बुआई के लिए HI1563, HI1544, DBW107 और HD3118 जैसी गेहूं की किस्मों का चयन करने की सलाह देते हैं। इन किस्मों में टिलरिंग की समस्या कम होती है और ये विशेष रूप से देर से बोने के लिए उपयुक्त हैं। इष्टतम परिणाम प्राप्त करने के लिए, उत्पादकों को इन्हें बोते समय प्रति एकड़ 50 किलोग्राम बीज का उपयोग करना चाहिए।
गेहूं (Wheat) बोने के लिए मशीन का उपयोग करें
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, जो किसान ज़मीन की जुताई किए बिना गेहूँ बोना चाहते हैं, उनके लिए सीड ड्रिल मशीन का उपयोग करना बेहद मददगार हो सकता है। किसान इस उपकरण की सहायता से जल्दी बोने से समय और मेहनत बचा सकते हैं।
40 क्विंटल उत्पादन
देर से बोने के बाद किसान 110-120 दिनों में 40 क्विंटल तक गेहूँ पैदा कर सकते हैं। इस उत्पादन के कारण किसान अच्छी कमाई कर सकेंगे।