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Gram farming: चना की बुवाई में हो गई देरी, तो किसान इन किस्मों का करें चयन

Gram farming: मध्य प्रदेश के खरगोन में करीब साढ़े तीन लाख हेक्टेयर में रबी की फसलें बोई जाती हैं। यहीं पर किसान सबसे ज्यादा गेहूं और चना उगाते हैं। कृषि विशेषज्ञों की सलाह है कि चने (Gram) की बुआई 10 नवंबर तक पूरी कर ली जाए। हालांकि, अगर खेत देर से साफ हुए हैं तो किसान दिसंबर के आखिर तक भी लेट चना बो सकते हैं। हालांकि, वे कम अवधि वाली किस्मों का ही चयन कर पाएंगे। साथ ही, खेती के तरीके में भी बदलाव करना होगा।

Gram farming
Gram farming

खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. जीएस कुल्मी के मुताबिक, इस इलाके के किसान करीब 70,000 हेक्टेयर में चना उगाते हैं। चने की बुआई 20 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच सबसे अच्छी मानी जाती है। हालांकि, खरगोन के कपास के खेत देर से खाली होते हैं, जिससे किसानों को तय समय से देर से बुआई करनी पड़ती है। फिलहाल, अगर किसान देर से चना (Gram) बोना चाहते हैं तो उन्हें कम अवधि वाली उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए।

कुछ 100 से 105 दिन के प्रकार

कृषि विशेषज्ञ कहते हैं कि किसानों को केवल देर से उगने वाली किस्मों (100 से 105 दिन) या बहुत जल्दी पैदा होने वाली किस्मों को ही लगाना चाहिए। JG-11, जो 100 दिन में पैदा होती है, किसानों के लिए उपलब्ध एक और विकल्प है। इसके अलावा, किसानों को यह भी याद रखना चाहिए कि वे जिस किस्म को चुनें, वह थोड़े समय के लिए गर्मी को झेलने में सक्षम होनी चाहिए।

इस तरह से करें चना (Gram) बोना।

वैज्ञानिक डॉ. कुल्मी के अनुसार, अगर चना (Gram) देर से बोया जा रहा है, तो किस्म और रोपण तकनीक दोनों का ध्यान रखना चाहिए। पानी देने के बाद देर से चना बोने से बचें। बल्कि, जमीन तैयार करें, सूखने पर उसे बोएं और फिर पानी दें। किसान इस रणनीति का उपयोग करके पंद्रह दिन की देरी की भरपाई कर सकते हैं। दूसरी ओर, सिंचाई की व्यवस्था होने पर किसान को अतिरिक्त 15 दिन की देरी होती है। देरी की स्थिति में, किसान को बीजों का अतिरिक्त उपचार करना चाहिए।

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