MSP Moong Purchase: सस्ते में फसल बेचने को मजबूर हैं इस राज्य के किसान
MSP Moong Purchase: राजस्थान के किसान इस बात से चिंतित हैं कि पिछले साल के मुकाबले इस बार मूंग की एमएसपी पर खरीद होगी या नहीं। इस बार पिछले साल के मुकाबले 98 हजार 345 मीट्रिक टन कम मूंग एमएसपी पर खरीदी जाएगी। बता दें कि पिछले साल सरकार का प्रदेश में मूंग खरीद का लक्ष्य 301650 मीट्रिक टन था, जो इस साल सिर्फ 203305 टन है।
सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा नागौर और डीडवाना-कुचामन जिलों के किसान प्रभावित होंगे। इस बार दोनों जिलों में किसानों ने 5 लाख हेक्टेयर में मूंग की फसल लगाई थी। कृषि विभाग के मुताबिक दोनों जिलों में औसत मूंग उत्पादन 4.21 लाख टन रहा है। हालांकि सरकार लक्ष्य के मुताबिक पूरे प्रदेश से एमएसपी पर सिर्फ 203305 टन मूंग ही खरीदेगी।
किसान अपनी उपज मंडी में बेचने को मजबूर हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि नागौर और डीडवाना-कुचामन जिलों में मूंग की खेती बड़े पैमाने पर होती है। यहां सबसे ज्यादा परेशान किसान हैं। इस बार एमएसपी पर मूंग बेचने के लिए मात्र 15 फीसदी किसानों को ही टोकन मिल पाए हैं, बाकी किसान अब 1100 से 2000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर मूंग बेचने को मजबूर हैं, जो कृषि मंडियों में समर्थन मूल्य से भी कम है।
85009 किसानों से खरीदेंगे मूंग (Moong)
समर्थन मूल्य पर इस बार राजस्थान में 85009 किसानों से 2,03,305 मीट्रिक टन मूंग खरीदा जाएगा। इनमें से डीडवाना-कुचामन और नागौर के 32613 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके बाद भी नागौर के 80-85 फीसदी मूंग उत्पादकों को अभी भी टोकन नहीं मिल पाए हैं। फिलहाल एमएसपी ने दोनों जिलों की 15 जगहों से 4.31 लाख क्विंटल मूंग की खरीद की है।
नागौर जिले में पंजीकृत 21821 में से 11530 की खरीद हो चुकी है। डीडवाना-कुचामन जिले में पंजीकृत 10792 किसानों में से 7584 ने मूंग बेची है। खरीद लक्ष्य पूरा होने के बाद डीडवाना-कुचामन खरीद बंद कर दी गई है।