Sunflower cultivation: रबी सीजन में गेहूं के साथ बोएं सूरजमुखी, होगी तगड़ी कमाई
Sunflower cultivation: किसानों को अपनी खेती से होने वाले मुनाफे को बढ़ाने के लिए मिश्रित खेती के तहत कई फसलें उगानी चाहिए। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, जो किसान अपनी मुख्य फसल के अलावा वैकल्पिक फसलें उगाते हैं, वे उसे बीमारी से बचा सकते हैं और अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, गेहूं की मुख्य फसल के अलावा, रबी सीजन में सूरजमुखी, चना, सरसों, कुसुम की कलियाँ, मसूर, अलसी (Sunflower, gram, mustard, safflower buds, lentil, linseed) आदि उगाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
मध्य प्रदेश के खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख और प्रमुख कृषि वैज्ञानिक डॉ. जीएस कुलमी ने मीडिया को बताया कि किसान अंतर-फसल तकनीक का उपयोग करके एक ही खेत में एक ही समय में दो फसलें उगा सकते हैं, जिसे मिश्रित खेती (Mixed farming) भी कहा जाता है। इससे किसान अधिक उत्पादन कर पाते हैं। लागत अपेक्षाकृत कम आती है और आय दोगुनी हो जाती है। ऐसा करके कई किसान अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं। कुछ लोग मल्टीलेयर खेती करते हैं।
गलती से भी बीजों को मिलाने से बचें।
वैसे तो खरगोन समेत पूरे देश में रबी सीजन की बुआई पहले से ही हो रही है, लेकिन जो किसान देर से गेहूं बोना चाहते हैं, वे गेहूं के अलावा दूसरी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए इस पद्धति का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह याद रखना जरूरी है कि गेहूं को कभी भी दूसरी फसलों के साथ नहीं बोना चाहिए। अंतर-फसल बोने का सबसे अच्छा तरीका पक्की कतारें हैं।
फसल बोने की तकनीक
एक ही खेत में चना और गेहूं बोने के लिए 6:4 नियम का इस्तेमाल करें। इसका मतलब है कि आपको चना 4 कतारों में और गेहूं 6 कतारों में बोना चाहिए। वहीं, दूसरी फसलों जैसे सूरजमुखी की दो कतारों के बाद गेहूं की छह कतारें लगाएँ। इसके लिए किसान मल्टीक्रॉप सीड ड्रिल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें दो अंतर-फसल कतारें और छह मुख्य फसल कतारें होंगी।
अंतर-फसल Sunflower पद्धति का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें।
कृषि विशेषज्ञ डॉ. कुल्मी अंतर-फसल पद्धति का इस्तेमाल करते समय कम पानी की जरूरत वाले गेहूं के प्रकारों को चुनने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चना जैसी अंतर-फसल वाली फसलों को कम पानी की जरूरत होती है। किसान इसके लिए प्राची या HI 1500 गेहूं की किस्मों को चुन सकते हैं। इस तरह से दो सिंचाई से भी गेहूं की पैदावार हो सकती है और चना, सरसों, सूरजमुखी और अन्य फसलों को भी पानी की समान मात्रा की जरूरत होती है।
अंतर-फसल के फायदे
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अंतर-फसल से किसानों को अधिक लाभ होता है। सिंचाई कम करने के अलावा, प्राथमिक फसल गेहूं में रोग और कीटों का प्रकोप भी कम होता है। दोनों फसलों में पोषक तत्वों का उपयोग संतुलित तरीके से किया जाता है। उर्वरकों, कीटनाशकों, खरपतवार नाशकों और भूमि और प्रकाश का उपयोग भी संतुलित होता है।