Rabi crop: कड़ाके की ठंड और पाला पहुंचा सकती है फसलों को नुकसान, अपनाएं यह तरीका
Rabi crop: रबी सीजन में किसान आलू, टमाटर, अरहर, गेहूं और चना उगाते हैं। इस समय कई फसलों में ठंड की समस्या होती है, जिससे कई एकड़ फसलें बर्बाद हो सकती हैं। ऐसे में किसानों को फसलों की देखभाल करनी चाहिए, ताकि नुकसान से बचा जा सके। दरअसल, पलामू और आसपास के इलाकों में 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक कड़ाके की ठंड पड़ती है।
इस दौरान Rabi crop पर पाला पड़ सकता है।
ऐसे में किसान फसलों को बचाने के लिए सिंचाई कर सकते हैं। साथ ही, पाले से बचाने के लिए दवा का छिड़काव भी कर सकते हैं। पाला इन फसलों को अन्य फसलों के मुकाबले ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार ने मीडिया को बताया कि 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक का समय सबसे ठंडा होता है। इस समय घास पर ओस की बूंदें चमकने लगती हैं और खेतों और फसलों में बर्फ बन जाती हैं। नतीजतन, आलू, टमाटर और अरहर (Potato, Tomato and Arhar) की पत्तियां फटने लगती हैं, इस घटना को अक्सर पाला कहा जाता है। इससे पत्तियां काली हो जाती हैं और प्रकाश संश्लेषण नहीं हो पाता। इससे पौधों का विकास रुक जाता है।
किसानों को इन तकनीकों का इस्तेमाल करना चाहिए।
कृषि विशेषज्ञ ने कहा कि इसे रोकने के लिए 50 से 100 रुपए देकर लाखों रुपए का नुकसान टाला जा सकता है। किसान इंडोफिल एम45, डाइथेन एम45 और इंडोफिल जेड78 (Indofil M45, Dithane M45 and Indofil Z78) जैसी बाजार में उपलब्ध दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें 2.5 ग्राम की मात्रा में एक लीटर पानी में मिलाकर खेतों में छिड़का जा सकता है। इन दवाओं का आधा जीवन 12 से 15 दिन का होता है। यह फसलों की पाले से जुड़ी समस्याओं को कम करता है।