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Sambhaal scheme: इस योजना के तहत असंगठित मजदूरों को नहीं मिल पा रही है सहायता राशि

 Sambhaal scheme: मध्य प्रदेश में संबल योजना का संचालन श्रम विभाग द्वारा किया जाता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य असंगठित मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना था। इसमें एक प्रावधान है कि संबल कार्डधारकों की मृत्यु के बाद उन्हें सहायता मिलेगी। हालांकि, एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी बालाघाट क्षेत्र में कई लाभार्थियों को अभी भी कोई सहायता नहीं मिल रही है। इस कार्यक्रम के दो लाभार्थियों से मीडिया ने संपर्क किया। हमारी विशेष रिपोर्ट देखें।

sambhaal scheme
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माता-पिता की मृत्यु बहुत पहले हो गई थी, लेकिन हमें अभी तक संबल योजना का लाभ नहीं मिला है। संबल योजना के लाभार्थी अमित गौतम ने संवाददाताओं को बताया कि उनकी मां की मृत्यु को करीब डेढ़ साल बीत चुका है। इसके अलावा, उनके पिता की मृत्यु कुछ महीने बाद हो गई। दोनों मामलों की भी रिपोर्ट की गई। आवेदन काफी समय पहले जमा किया गया था। इस पहल का उद्देश्य पिता को दो लाख रुपये और मां को दो लाख रुपये प्रदान करना था। हालांकि, हमें अभी तक इस योजना का पैसा नहीं मिला है।

अमित और काशीकर की कहानी एक जैसी है।

एक अन्य कार्यक्रम लाभार्थी काशीकर भालेकर का मीडिया ने साक्षात्कार लिया। उन्होंने बताया कि पत्नी की मृत्यु के करीब 15 महीने हो चुके हैं। पत्नी की मृत्यु के बाद मैंने इस योजना के लिए आवेदन किया था। लेकिन मुझे दो लाख रुपए या अंतिम संस्कार की सहायता नहीं मिली, जो इस योजना के तहत दी जाती है। मैं यहां अपने बच्चे के साथ अकेला रहता हूं। इस राशि से हमें कुछ लाभ होता। इसके लिए हम सैकड़ों कार्यस्थलों पर गए। लेकिन हमें कोई सहायता नहीं मिली। उनका कहना है कि अगर आप अपने खाते की निगरानी करते रहेंगे तो आपको यह राशि मिल जाएगी।

क्षेत्र में संबल (Sambhaal) के कई मामले अनसुलझे हैं।

बालाघाट में संबल योजना के कई मामले अनसुलझे हैं। योजना से जुड़े अधिकारी के अनुसार कटंगी विकासखंड में करीब 200 मामले अभी भी लंबित हैं। ऐसे में आप जिले भर में मामलों का अंदाजा लगा सकते हैं। नाम न बताने की शर्त पर बात करने वाले एक अधिकारी के अनुसार सरकार की ओर से फंड की कमी के कारण लंबित मामलों के लंबित होने के कारण लाभार्थियों के खातों में पहुंचने में अधिक समय लग रहा है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह कार्यक्रम 2018 में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का लक्ष्य असंगठित श्रमिक वर्ग को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। लाभार्थियों को अंतिम संस्कार के खर्च के लिए 5,000 रुपये, सामान्य मृत्यु के लिए 2 लाख रुपये और दुर्घटना में मृत्यु के लिए 4 लाख रुपये मिलते हैं।

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