AGRICULTURE

Chane Ki Kheti: दोगुनी पैदावार के लिए किसान अपनाएं यह तगड़ा जुगाड़, होगा पैसा ही पैसा

Chane Ki Kheti: सुल्तानपुर और पूरे उत्तर प्रदेश में चना बोया गया है। ऐसे में आज की पोस्ट में हम जानेंगे कि Chane की फसल बोने के बाद पौधे की टहनियाँ क्यों टूट जाती हैं और इसके क्या फायदे हैं। साथ ही, हम चने को प्रभावित करने वाले रोगों और कीटों के बारे में भी जानकारी देंगे। ऐसा करके आप अपनी चने की खेती को बेहतर बना सकते हैं और उत्पादन में भी काफी वृद्धि कर सकते हैं।

Chane Ki Kheti
 

Chane के लिए भूमि की तैयारी

मीडिया से बातचीत के दौरान कृषि विशेषज्ञ डॉ. जेबी सिंह के अनुसार, हल्की दोमट या दोमट मिट्टी चने की खेती के लिए अधिक उपयुक्त होती है। भूमि बहुत क्षारीय नहीं होनी चाहिए और जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। पहली जुताई के लिए डिस्क हैरो या मिट्टी पलटने वाले हल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके बाद हैरो का इस्तेमाल करके क्रॉस हल चलाना चाहिए। इसके बाद, जमीन को समतल करने के लिए पाटा का इस्तेमाल करना चाहिए।

इस तरह से आपको बीज को संभालना चाहिए।

चने के पौधों को कई तरह के कीटों और बीमारियों से नुकसान पहुंचता है। फसल को उनके हमले से बचाने के लिए बीज को बोने से पहले उपचारित कर लेना चाहिए। हालांकि, बीजों को उपचारित करते समय यह याद रखना जरूरी है कि पहले फफूंदनाशक, उसके बाद कीटनाशक और फिर राइजोबियम कल्चर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

इस कारण पौधे की टहनियां टूट जाती हैं।

कृषि विशेषज्ञ डॉ. जेबी सिंह ने चने के पौधे की पत्तियां और टहनियां एक महीने की उम्र में तोड़ने की सलाह दी है। इससे पौधे की शाखाओं की संख्या बढ़ेगी और फल भी खूब लगेंगे।

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