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Opium Cultivation: इसकी खेती से किसानों को होता है बम्पर मुनाफा, बस उगाने में आती हैं ये समस्याएं

Opium Cultivation: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी इलाके में अफीम (Opium)के नाम से मशहूर काला सोना बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। इसकी खेती से किसानों को अच्छा खासा मुनाफा भी होता है, लेकिन इसमें कई चुनौतियां भी हैं। दरअसल, केंद्र सरकार किसानों को अफीम के पट्टे देती है। इसके अलावा, अफीम की फसल तीन महीने तक चलती है। अफीम के पौधे से निकलने वाला तरल पदार्थ लाखों-करोड़ों का होता है, इसलिए इस फसल की देखभाल करना बहुत मुश्किल होता है।

Opium cultivation
Opium cultivation

Opium की खेती से होने वाले नुकसान इस प्रकार हैं:

किसानों को अफीम चोरों की चिंता जंगली जानवरों से ज्यादा है, जो काले सोने की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई मामलों में पाया गया कि अफीम किसानों ने खेतों से अफीम उठाकर अपने घरों में रख ली थी। इसके बाद किसानों पर हमला किया गया और अफीम लूट ली गई। किसान अफीम चोरी और लूटपाट को लेकर काफी चिंतित हैं। अफीम से दूसरी फसलों के मुकाबले ज्यादा मुनाफा होता है, यही वजह है कि किसान अपनी जान जोखिम में डालकर अफीम उगाते हैं।

अरबों और लाखों में कीमत

अफीम को किसान “काला सोना”(blackgold) कहते हैं क्योंकि यह सोने और चांदी से भी ज़्यादा महंगा होता है। अफीम की कीमत लाखों और करोड़ों में आंकी जाती है। अफीम से कई दवाइयाँ बनाई जाती हैं। इसके अलावा, इसका इस्तेमाल दवा के तौर पर भी किया जाता है। इसके पेड़ का तना, दाना और फोकलाई भी काफ़ी कीमती होते हैं। इस वजह से इसकी फसल को जानवरों से ज़्यादा जेबकतरों और लुटेरों से बचाना पड़ता है। अफीम की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही जगहों पर काफ़ी मांग है। अगर इसे बिना किसी नुकसान के उगाया जाए तो इससे होने वाली आय फ़ायदेमंद होती है।

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