Pea crop: मटर की फसल में किसानों को विशेष तौर पर इन बातों का रखना चाहिए ध्यान
Pea crop: हर फसल के लिए सिंचाई एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। सिंचाई से पौधे बेहतर तरीके से बढ़ते हैं। हालांकि रबी सीजन (Rabi Season) में लगाई जाने वाली दलहनी फसलों को अपेक्षाकृत कम पानी की जरूरत होती है, फिर भी किसान अधिक पैदावार प्राप्त करते हैं। खास तौर पर मटर (Pea) की फसल में किसानों को सिंचाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए। क्योंकि मटर की फसल को अपेक्षाकृत कम पानी की जरूरत होती है। जिला उद्यान विशेषज्ञ डॉ. पुनीत कुमार पाठक के अनुसार इस फसल को विशेष सिंचाई की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि सर्दियों में जमीन को पर्याप्त नमी मिलती है।
सिंचाई केवल फूल आने और फली बनने के दौरान ही करनी चाहिए।
ध्यान रहे कि खेत में पानी स्थिर नहीं रहना चाहिए और हल्की सिंचाई ही करनी चाहिए। उचित तकनीक का उपयोग करने पर किसान एक हेक्टेयर में 18 से 30 क्विंटल मटर पैदा कर सकते हैं। हालांकि, एक हेक्टेयर जमीन पर मटर उगाने की कुल लागत करीब बीस हजार रुपये है, जबकि मुनाफा नब्बे हजार रुपये तक पहुंच सकता है। राइजोबियम पर पड़ सकता है असर मटर के पौधों की जड़ों में राइजोबियम होता है।
सिंचाई में जरा सी भी चूक होने पर राइजोबियम पर असर पड़ता है। जलभराव से राइजोबियम नष्ट हो जाता है। पौधे मर जाते हैं और फसल पीली पड़ जाती है। ऐसी परिस्थितियों में बहुत कम सिंचाई का उपयोग करना महत्वपूर्ण है, और खेत में जल निकासी की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए और जलभराव नहीं होना चाहिए।
पानी देते समय इन बातों का ध्यान रखें।
मटर की फसल में सिंचाई के पारंपरिक तरीके के बजाय स्प्रिंकलर या माइक्रो स्प्रिंकलर का उपयोग करने पर पौधों को आवश्यक मात्रा में पानी मिलेगा। राइजोबियम पनपता है। नतीजतन, किसानों को अधिक उपज मिलेगी और फसल के पौधे मजबूत और स्वस्थ होंगे। सरकार स्प्रिंकलर और छोटे स्प्रिंकलर के लिए सब्सिडी भी देती है। जिसका उपयोग किसान अपने खेतों में आसानी से कर सकते हैं।
मटर (Pea) की फसल में कब सिंचाई करनी चाहिए?
कम पानी में मटर की फसल तैयार हो जाती है। ऐसे में पहली सिंचाई तब करना महत्वपूर्ण है जब पौधे खिलने की प्रक्रिया में हों। इसके अलावा, जब फलियाँ बन जाएँ, तो दूसरी सिंचाई करनी चाहिए। याद रखें कि इस सिंचाई के लिए आपको बहुत कम पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। जलभराव नहीं होना चाहिए। अगर खेत में पानी जमा हो तो तुरंत पानी निकाल दें।