Cultivation of Cauliflower: जानें, फूलगोभी में कर्ड के सड़ने की समस्या का कैसे करें प्रबंधित…
Cultivation of Cauliflower: बैक्टीरियल सॉफ्ट रॉट रोग, जो कि मुख्य रूप से बैक्टीरिया कैरोटोवोरा (Previously Erwinia Carotovora) के कारण होता है, फूलगोभी के खाने योग्य भाग (दही) के सड़ने का मुख्य कारण है। यह एक गंभीर बीमारी है जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन और गुणवत्ता में काफी कमी आ सकती है। रोगज़नक़ पौधे के ऊतकों, मुख्य रूप से फूलगोभी के तने, पत्तियों और खाने योग्य भाग को निशाना बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप एक चिपचिपा, पानी जैसा सड़न होता है जिसमें एक अप्रिय गंध होती है।
Bacterial Soft Rot रोग के लक्षण
फूलगोभी के तने, पत्तियों या खाने योग्य भाग पर पानी से लथपथ, चिपचिपा और चिपचिपा पैच विकसित होते हैं। प्रभावित ऊतक गहरे या भूरे रंग का हो जाता है और बदबूदार हो जाता है। बीमारी इस हद तक बढ़ जाती है कि प्रभावित ऊतक पूरी तरह से सड़ जाते हैं और पीछे चिपचिपा गंदगी रह जाती है।
Bacterial Soft Rot रोग का चक्र
घाव या प्राकृतिक छेद बैक्टीरिया (Wounds or Natural Holes Bacteria) को पौधे में प्रवेश करने की अनुमति देते हैं, और वे कई चैनलों से फैल सकते हैं, जिसमें सिंचाई या बारिश से छींटे पड़ने वाला पानी, दूषित उपकरण, कीड़े या मिट्टी, साथ ही गर्म, आर्द्र और नम वातावरण शामिल हैं जो बैक्टीरिया के विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
Bacterial Soft Rot से कैसे निपटा जा सकता है?
कृषि के तरीके
- स्वस्थ पौधों का उपयोग करें: बीमारी से मुक्त पौधों से स्थानांतरण करके शुरू करें।
- रोपण और खेत की सफाई: अनाज जैसी गैर-मेजबान फसलों के साथ अन्य क्रूसिफ़र्स (Crucifers) जैसी संवेदनशील फसलों को लगाने से बचें।
- पत्ती की नमी को कम करने के लिए, ऊपर से पानी देने के बजाय ड्रिप सिंचाई का उपयोग करें।
- खेत की सफाई: दूषित पौधों को तुरंत हटा दें और प्रसार को रोकने के लिए उपकरणों और उपकरणों को साफ करें।
- हवा का संचार और पौधों के बीच की दूरी: हवा की आवाजाही बढ़ाने और पौधों के चारों ओर नमी के स्तर को कम करने के लिए, पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखें।
जीव विज्ञान द्वारा नियंत्रण
स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस, बैसिलस सबटिलिस (Pseudomonas fluorescens, Bacillus subtilis) और अन्य सहायक सूक्ष्मजीवों जैसे प्रतिरोधी बैक्टीरिया का उपयोग करके, रोग के रोगजनक के विकास को रोका जाता है। माइक्रोबियल कंसोर्टियम जैसे बायोकंट्रोल फॉर्मूलेशन का उपयोग करके बीमारी को दबाया जाता है।
प्रासंगिक कनेक्शन
लगभग हर भारतीय राज्य फूलगोभी उगाता है, हालांकि सबसे आम बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा हैं। वैज्ञानिकों द्वारा फूलगोभी को दिया गया नाम कटाई के बाद संक्रमण से बचने के लिए, एकत्रित सब्जियों को धो लें और क्लोरीन आधारित कीटाणुनाशक (Disinfectant) का उपयोग करके उपकरणों को साफ करें।
पर्यावरण का प्रबंधन
स्वस्थ पौधों (Healthy Plants) को कीटाणुओं से संक्रमित होने की संभावना को कम करने के लिए, मौसम शुष्क होने पर कटाई करें। कटाई के बाद खराब होने से बचाने के लिए कटी हुई फूलगोभी को सूखा और ठंडा रखना चाहिए।