Drumstick leaves: बड़े काम की है सहजन की पत्तियां, कमा सकते हैं अच्छा-खासा मुनाफा, जानें कैसे…
Drumstick leaves: जहानाबाद के मखदुमपुर इलाके में सहजन की खेती किसानों के लिए अच्छी आमदनी का जरिया बन रही है। आज इस प्रखंड में 20 गांवों के किसान सहजन (Drumstick leaves) की पत्तियां बेचकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। आम बोलचाल की भाषा में हम सहजन को मुनगा कहते हैं। इस जड़ी-बूटी में औषधीय गुण होते हैं। ऐसी स्थिति में इसकी पत्तियां भी काफी मददगार होती हैं, जिससे किसानों को मदद मिल रही है। बराबर नर्सरी ने 25 एकड़ जमीन पर दस लाख से ज्यादा सहजन (Drumstick ) के पौधे लगाए हैं।
प्रोसेसिंग डिवाइस की मदद से यह पत्तियों को इकट्ठा कर उनका पाउडर बना देती है। कई तरह की बीमारियों में यह पाउडर काफी मददगार होता है। बराबर नर्सरी ने 2020 में 25 एकड़ जमीन पर सहजन की खेती शुरू की। वन विभाग की मदद से भाईख वन समिति ने मखदुमपुर प्रखंड के बराबर में गौघाट नर्सरी की स्थापना की। कटाई से लेकर पाउडर बनाने तक इस प्रोसेसिंग प्लांट में 30 से 40 मजदूर लगे हुए हैं।
इसके शुरू होने से आस-पास के गांवों के लोगों को अब रोजगार मिल रहा है। इसके अलावा, 20 गांवों के निवासियों ने सहजन की खेती शुरू कर दी है, ताकि इसके पत्तों की बिक्री से लाभ मिल सके। सहजन के पत्तों को वन विभाग 20 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीदता है। इसी तरह, 6 किलोग्राम पत्तों को मशीन से तोड़कर 1 किलोग्राम पाउडर बनाया जाता है। इस पाउडर से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है।
गांवों में कितने लोग लाभान्वित हो रहे हैं?
भैख वन समिति के अध्यक्ष सुधीर शर्मा के अनुसार, स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाने के इरादे से 2020 में इसकी शुरुआत की गई थी। नतीजतन, इस प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना से आज 20 समुदायों के निवासियों को मदद मिली है। वे वन समिति को पत्ते बेचते हैं, जिन्हें पहले बेकार समझकर फेंक दिया जाता था। सहजन के पौधों के पत्तों को तोड़कर प्रसंस्करण सुखाने वाले उपकरण में रखा जाता है ताकि ऑर्डर तैयार किया जा सके। 250 ग्राम से लेकर 2500 किलो तक के पैकेज उपलब्ध हैं। एक किलोग्राम पाउडर की कीमत 320 नायर है।
मोरिंगा (Drumstick) उगाने से बंपर फायदा
उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत के लिए मुख्य रूप से वन विभाग और फॉरेस्ट प्लस टू जिम्मेदार थे। इसका सारा खर्च फॉरेस्ट प्लस टू ने उठाया। उन्होंने बताया कि अगर 30 साल से ऊपर का व्यक्ति रोजाना 10 ग्राम मोरिंगा पाउडर ले तो उसका ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर काफी हद तक कम हो सकता है। इसके अलावा यह पाउडर गैस, एसिडिटी और कब्ज के लिए भी कमाल का काम करता है।
जून, जुलाई और अगस्त में इसकी खेती की जाती है। इसका पौधा राजस्थान और गुजरात से आयात किया जाता है। पीके एम1 इसकी प्रजाति है। इसका खास तौर पर दवाओं में इस्तेमाल होता है। यह बहुत कड़वा होता है। कमाई की बात करें तो मोरिंगा की पत्तियां उगाना काफी फायदेमंद है। एक एकड़ में एक लाख तक की पैदावार हो सकती है।