Success Story: हरियाणा की डेयरी फार्म रेनू सांगवान को राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार से किया गया सम्मानित, जानें पूरी कहानी
Success Story: हरियाणा के झज्जर क्षेत्र के खरमन गांव की दूरदर्शी डेयरी किसान रेणु सांगवान ने अपनी लगन, मेहनत और समर्पण से आत्मनिर्भर बनने के साथ ही लाखों किसानों और महिलाओं को प्रेरित किया है। डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) में उनकी लगन और आविष्कारशीलता ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई है। उनका नाम अब किसानों और कृषि उद्योग के लिए एक आदर्श बन गया है।
26 नवंबर, 2024 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह में रेणु सांगवान को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया जाएगा। भारत सरकार दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर (Manekshaw Centre) में यह सम्मान प्रदान करेगी। साथ ही, कृषि जागरण उन्हें 3 दिसंबर, 2024 को पूसा, नई दिल्ली में मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड-2024 से सम्मानित करेगा।
उनके प्रयासों को सम्मानित करने के अलावा, उनकी उपलब्धियां कृषि और पशुपालन उद्योग में आगे बढ़ने की उम्मीद रखने वाले हर किसान के लिए प्रेरणा का काम करती हैं। ऐसे में उनकी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से बताएं।
श्री कृष्ण गोधाम का गोकुल फार्म: आजादी की कहानी
मीडिया से खास बातचीत में रेणु सांगवान के बेटे डॉ. विनय सांगवान ने बताया कि उन्होंने 2017 में डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की थी। उन्होंने नौ देसी गायों से शुरुआत की थी, लेकिन अब उनके फार्म में करीब 280 गायें हैं। उनकी प्रॉपर्टी गोकुल प्रॉपर्टी श्री कृष्ण गोधाम को देश का सबसे बेहतरीन डेयरी फार्म माना जाता है।
साहिवाल, गिर, राठी, थारपारकर और हरियाणा नस्ल की देसी गायें उनका मुख्य आधार थीं। स्वस्थ दूध देने के अलावा, इन गायों की देखभाल हाइब्रिड गायों की तुलना में कम खर्चीली होती है। उन्होंने गायों को एक प्राकृतिक आवास (habitat) दिया, जहां वे खुले मैदानों में घूम सकती हैं और हरा चारा खा सकती हैं।
देसी गायों का महत्व और लाभ
एक दूरदर्शी किसान विनय सांगवान का मानना है कि देसी गायें दूध उत्पादन के अलावा पर्यावरण के लिए भी मददगार हैं। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी, ये गायें बेहतर प्रदर्शन करती हैं और इनकी देखभाल कम खर्चीली होती है। देसी नस्ल की गायें संकर नस्लों से इस मायने में अलग होती हैं कि उनके दूध में औषधीय गुण होते हैं। उन्हें लगता है कि देसी नस्लों को बढ़ावा देकर किसान आर्थिक (Farmer Economic) रूप से स्वतंत्र हो सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय डेयरी उत्पाद बाजार
विनय सांगवान के अनुसार, उन्होंने अपने डेयरी फार्मिंग कार्यों को केवल दूध उत्पादन से आगे बढ़ाया; उन्होंने बाजार में घी, पनीर, बर्फी और च्यवनप्राश (Ghee, Paneer, Barfi and Chyavanaprash) सहित दूध उत्पाद भी पेश किए। उनके फार्म पर उत्पादित घी की मांग अब भारत के अलावा 24 से अधिक देशों में है। उनका उच्च गुणवत्ता वाला घी और अन्य सामान प्रसिद्ध हैं। 2023-2024 में उनके फार्म का राजस्व 3 करोड़ रुपये था। उनकी और उनकी माँ रेणु की कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता ने इसे संभव बनाया है।
Dairy Farming तकनीक में नवाचार
रेणु सांगवान और उनके बेटे डॉ. विनय सांगवान ने अपने फार्म पर समकालीन तकनीक (Contemporary technology) को लागू किया है। डॉ. विनय सांगवान के अनुसार, उन्होंने परिष्कृत सफाई उपकरण और स्वचालित गाय दूध देने वाली मशीनरी का उपयोग किया है। अपने फार्म पर, वे देशी बैलों से वीर्य भी बनाते और बेचते हैं। नस्लों में सुधार लाने के प्रयासों के लिए यह महत्वपूर्ण है।
Dairy Farming में रुचि रखने वाले किसानों के लिए सलाह
डॉ. विनय सांगवान के अनुसार, फार्म की सफलता का श्रेय मुख्य रूप से गायों के उचित प्रबंधन और देखभाल को दिया जा सकता है। उन्होंने मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में डेयरी फार्मिंग की सफलता के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें कीं:
1. देशी नस्लों को अपनाएँ: संकर नस्लों की तुलना में देशी नस्लों की गायों को प्राथमिकता दें।
2. स्वास्थ्य पर ध्यान दें: सुनिश्चित करें कि गायों को नियमित टीकाकरण मिले और उनका भोजन और पानी साफ हो।
3. स्वस्थ आहार दें: गायों को हरी घास और संतुलित आहार दें।
4. छोटी शुरुआत करें: विशेषज्ञता हासिल करने के बाद, गायों की संख्या बढ़ाएँ।
5. टिकाऊ और प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करें: प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करके गायों की देखभाल करें, जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।
समस्याएँ और उनके समाधान
रेणु सांगवान और डॉ. विनय सांगवान, दोनों प्रगतिशील किसान, को रास्ते में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। शुरुआत में संसाधनों की कमी के बावजूद, वे डटे रहे। उन्होंने गायों के प्रबंधन और देखभाल के लिए नए-नए तरीके अपनाए।
डेयरी उत्पादन में गायों को स्वस्थ रखना सबसे बड़ी समस्या है। इसे समझते हुए डॉ. विनय सांगवान ने गायों के टीकाकरण और स्वच्छता (Vaccinations and hygiene) पर विशेष ध्यान दिया। इसके अलावा, उन्होंने गायों को उच्च गुणवत्ता वाला चारा खिलाया, जिससे उनकी सेहत में सुधार हुआ।
भविष्य की रणनीति
रेणु और डॉ. विनय सांगवान की इच्छा के अनुसार, देश के हर किसान को देशी गायों को अपनाना चाहिए और आधुनिक तरीकों (Modern methods) से उनकी देखभाल करनी चाहिए। उनका मानना है कि दूध उत्पादन के अलावा किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए अन्य संबंधित वस्तुओं को भी बढ़ावा देना होगा।