Tomato cultivation: डॉक्टर की पढ़ाई कर विक्रम चौधरी इस चीज की खेती करके हर महीने कमा रहे हैं लाखों
Tomato cultivation: बस्ती जिले के सदर विकासखंड के चितरगढ़िया ग्राम पंचायत के रहने वाले दूरदर्शी किसान विक्रम चौधरी (Vikram Chowdhary) वर्तमान में पांच एकड़ में खेती करते हैं और लाखों रुपये महीने की कमाई करते हैं। दूरदर्शी यह किसान सब्जियां उगाता है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि मौसमी सब्जियां (Seasonal Vegetables) उगाने से किसानों को काफी फायदा होता है। सब्जी की फसलों की समय पर और व्यवस्थित तरीके से देखभाल करने पर किसानों की आमदनी बढ़ती है। इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद विक्रम चौधरी वर्तमान में खेती कर रहे हैं और लाखों रुपये महीने की कमाई कर रहे हैं।
ये है आय का मुख्य स्रोत
विक्रम चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि वह कभी-कभी सब्जी की फसल उगाते हैं और लाखों रुपये महीने की कमाई कर लेते हैं। उन्होंने बताया कि उनके एक एकड़ खेत में अब टमाटर की फसल (tomato crop) लगी है। जिसमें साहू प्रजाति के सिंजेंटा बिजनेस के बीज बोए गए हैं। उन्होंने बताया कि भले ही निगम प्रति एकड़ 300 कुंतल उत्पादन का वादा करता हो, लेकिन अगर किसान फसल की उचित देखभाल करें और उसे बीमारियों से बचाएं तो 400 से 4.50 कुंतल उत्पादन मिल सकता है।
टमाटर का बाजार भाव अभी 40 रुपए प्रति किलोग्राम है, लेकिन अगर इसे 20 रुपए प्रति किलोग्राम के थोक भाव पर बेचा जाए तो मुनाफा 6 से 8 लाख रुपए के बीच होगा। यह सिर्फ टमाटर उत्पादन से होने वाली आय है।
समय पर करनी चाहिए नर्सरी और बीजाई
दूरदर्शी किसान विक्रम चौधरी के अनुसार, हमने अगस्त की शुरुआत में ही कोको पीट माध्यम का उपयोग करके टमाटर की नर्सरी तैयार कर ली थी। अगस्त के अंत और सितंबर के पहले दो सप्ताह में खेतों में बीज बो दिए गए। नवंबर की शुरुआत में टमाटर के पौधों की कटाई शुरू हो गई। अब कटाई मार्च तक जारी रहेगी, अगर रखरखाव ठीक से किया जाए तो फसल की कटाई और भी लंबे समय तक हो सकती है।
Tomato की खेती में लाभ और लागत
विक्रम चौधरी के अनुसार, खेत की तैयारी, नर्सरी की तैयारी और कटाई सहित एक एकड़ में कुल मिलाकर करीब एक लाख रुपए की लागत आई है। टमाटर की खेती से चार लाख रुपए का शुद्ध लाभ मिलने का अनुमान है।
पहले भी कर चुके हैं टमाटर की खेती
विक्रम चौधरी के अनुसार, सीखने के तौर पर उन्होंने पिछले साल एक बीघा में टमाटर की खेती की थी। पिछले साल उन्होंने प्रति बीघा 30,000 रुपए की कीमत ली थी, जिससे उन्हें एक लाख साठ हजार रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।