AGRICULTURE

Okra cultivation: प्रोफेसर होने बावजूद इस सब्जी की खेती करके कमा रहे हैं बम्पर मुनाफा

Okra cultivation: बिहार के औरंगाबाद में किसान बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती करते हैं। सब्जी की खेती से किसानों को अच्छी आमदनी भी हो रही है। औरंगाबाद जिले के सदर प्रखंड के कुशवाहा नगर में दर्जनों किसान सब्जी उगाते हैं। यहां भिंडी की खेती बड़े पैमाने पर होती है। किसान जय गोविंद मेहता के अनुसार, इस इलाके में पहले किसान परंपरागत खेती करते थे। लेकिन, अंबा के चिलकी बिगहा के किसानों से सीख लेकर किसानों ने सब्जी उगाना शुरू किया। हर मौसम में यहां कई तरह की सब्जियां उगाई जाती हैं। किसान के अनुसार, इस इलाके में भिंडी (Okra) की काफी मांग है, जिससे किसानों को ज्यादा कमाई का मौका मिलता है।

Okra cultivation
Okra cultivation

स्नातक करने के बाद देते हैं खेती में समय

आपको बता दें कि किसान जय गोविंद मेहता एक निजी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। इसके बावजूद पिछले पांच सालों से वे खेती से जुड़े हुए हैं। किसान जय गोविंद मेहता ने पत्रकारों को बताया कि कॉलेज से स्नातक करने के बाद वे खेती में समय देते हैं। उन्होंने बताया कि वे पांच बीघे में भिंडी की खेती कर रहे हैं। उनके अनुसार भिंडी (Okra) की खेती से प्रति कट्ठा 10 हजार रुपए तक का मुनाफा हो सकता है।

एक बीघा में एक साथ 40 से 50 क्विंटल पैदा होती है भिंडी (Okra)

किसान के अनुसार बाजार में भिंडी थोक में 30 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम बिकती है। भिंडी उगाने के लिए सबसे अच्छी किस्म यही है। मीडिया से बात करने वाले किसान जय गोविंद मेहता के अनुसार दूसरे जिलों से स्थानीय विक्रेता यहां सब्जियां खरीदने आते हैं। अकेले भिंडी की खेती से सालाना 5 लाख रुपए तक का मुनाफा होता है। उनके अनुसार भिंडी की कई किस्में हैं, जैसे सिंजेंटा और पूसा सावनी के हाइब्रिड बीज। कुशवाह नगर के किसान सिंजेंटा के हाइब्रिड बीज उगाते हैं। इससे समय की भी बचत होती है और कीटों के हमले की संभावना भी कम होती है। आपको बता दें कि इस तरह की भिंडी 50-60 दिन में उपलब्ध हो जाएगी।

कीड़ों से बचने के लिए इस तरीके का करें इस्तेमाल

किसान जय गोविंद मेहता के अनुसार, भिंडी की फसल अच्छी पैदावार के लिए मौसम अनुकूल होना चाहिए। सफेद मक्खी और भरभनिया जैसे कीटों से होने वाले भिंडी के संक्रमण के इलाज के लिए बाजार में कई दवाइयां उपलब्ध हैं। ऐसे में किसान नीम का तेल, बैसिलस सबटिलिस और अन्य दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं; इससे कीट मर जाते हैं और भिंडी का पौधा स्वस्थ रहता है।

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