Organic cultivation of Chausa Mango: सहारनपुर के किसान ने चौसा आम की इस तरीके से खेती कर बनाई विशेष पहचान, कमा रहा है बम्पर मुनाफा
Organic cultivation of Chausa Mango: सहारनपुर के किसानों की जैविक खेती दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन, चौंसा आम की जैविक खेती में सहारनपुर के बेहट विधानसभा के कोठी बहलोलपुर गांव के किसान संजय चौहान ने अपनी अलग पहचान बनाई है। संजय चौहान की जमीन पर दशहरी, लंगड़ा, चौंसा, आम्रपाली और मल्लिका समेत पांच अलग-अलग आम की प्रजातियां उगाई गई हैं।
इनमें सबसे अनोखा है चौंसा आम।
यह आम एक अनोखे आवरण के अंदर होता है जो इसे मौसम, प्रदूषकों, कीड़ों और मक्खियों से बचाता है। यह सूर्य की रोशनी में भी दिखाई नहीं देता। इसी वजह से यह आम प्राकृतिक रूप से पीला पड़ जाता है। संजय चौहान ने अपनी जमीन पर 103 आम के पेड़ लगाए हैं। साथ ही, Chief Minister Yogi Adityanath ने उन्हें उनकी जैविक खेती के लिए पहचान भी दिलाई है।
आम के पेड़ों पर दवा का छिड़काव नहीं किया जाता।
संजय चौहान के मुताबिक, दवाएं पौधों को जहर देती हैं। उनका दावा है कि फसलों पर जहर का छिड़काव किया जा रहा है और दवाओं के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है। संजय चौहान अपनी फसल पर किसी भी तरह की दवा का छिड़काव नहीं करते। बीमारी की स्थिति में पेड़ों पर छिड़काव के लिए वह Neem oil, tobacco, garlic, red chilli और लस्सी जैसी प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करते हैं।
संजय चौहान के आमों की मांग है
khetibadi.com के जरिए संजय चौहान का चौंसा आम NCR में खरीदने के लिए उपलब्ध है। आम तोड़ने के दस से बारह घंटे के अंदर ही यह आपके घर पहुंच जाता है। अन्य चौंसा आमों की तुलना में, जिनकी एमआरपी 150 रुपये प्रति किलो है, उनका चौंसा आम तीन गुना ज्यादा बिकता है। उनके आमों की जबरदस्त मांग के कारण अधिकारी भी उन्हें ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं और सैंपलिंग कर रहे हैं।