DHAN KI KHETI: इस नए धान की खेती से किसान हो जाएंगे मालामाल, जानें कैसे करें रोपण…
DHAN KI KHETI: भारत की अर्थव्यवस्था (Economy) काफी हद तक खेती पर निर्भर करती है, इस क्षेत्र में बहुत से लोग काम करते हैं। मानसून आते ही वे खेती में व्यस्त हो जाते हैं। वे आमतौर पर दो तरह की फसलें उगाते हैं: रबी और खरीफ। खरीफ की फसल चावल इनमें से एक मुख्य फसल है। इससे किसानों को अच्छी कमाई भी होती है।
भारत में चावल लगाने का सही समय
भारत में चावल लगाने का सबसे अच्छा समय 15 जून से जुलाई की शुरुआत तक है। लेकिन कभी-कभी देर से बारिश होने के कारण वे रोपण में देरी करते हैं। भारत में लगभग हर राज्य चावल उगाता है। लेकिन कम बारिश के कारण, कुछ राज्यों ने अभी तक चावल उगाना शुरू नहीं किया है। चूँकि चावल को बहुत अधिक पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए कुछ राज्य इसे देर से लगाते हैं। कृषि विशेषज्ञों (Agricultural Experts) ने इन कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से चावल की कुछ किस्में विकसित की हैं। ये नए बीज शुष्क स्थानों पर भी बेहतर परिणाम दे सकते हैं। ये किसानों के लिए वाकई राहत की बात है।
इस नए चावल की क्या है खासियत
आप इसे शुष्क क्षेत्रों में उगा सकते हैं। जहाँ वे इस चावल को उगाते हैं, वहाँ कम बारिश होती है। इस तरह का चावल खराब सिंचाई (Rice Poor Irrigation) सुविधाओं वाले स्थानों पर भी काम आता है। आप इस चावल को सीधे लगा सकते हैं। इसमें बहुत अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। लगभग तीन महीने में चावल तैयार हो जाता है। यह प्रति हेक्टेयर 17-23 क्विंटल उपज देता है। यह चावल मुख्य रूप से झारखंड में उगाया जाता है। ब्लास्ट, ब्राउन स्पॉट, गॉल मिज, स्टेम बोरर, लीफ फोल्डर और व्हाइट बैक प्लांट हॉपर जैसे कीट इस चावल को नुकसान नहीं पहुंचा सकते।
कैसे करें इसकी खेती
सबसे पहले, आप जमीन को हरी खाद (Green Manure) से ढक दें। फिर, चावल को एक सीधी रेखा में रोपें। बीज 20-30 गुणा 15 सेमी की दूरी पर हों। इससे फसल स्वस्थ रूप से बढ़ती है और सही उर्वरक के साथ उपज को बढ़ावा मिलता है। कम बारिश वाले क्षेत्रों में रोपण का यह तरीका बेहतर है।