Success Story: ड्रैगन फ्रूट समेत इन फलों की खेती से यह किसान सालाना कमाता है लाखों रुपए
Success Story: भारतीय किसान अब पारंपरिक खेती की तुलना में गैर-पारंपरिक खेती (Non-traditional farming) में अधिक सफल हैं और इसे पसंद करते हैं। अधिकांश किसान फलों की खेती करते हैं, जिससे उन्हें जल्दी और आसानी से धन संचय करने में मदद मिलती है। इसी तरह बिहार के कटिहार क्षेत्र के महिनाथपुर गांव के मूल निवासी संजय कुमार सिंह के लिए फलों की खेती अच्छा मुनाफा लेकर आ रही है। किसानों द्वारा चावल, गेहूं और मक्का (Rice, wheat and maize) की लंबे समय तक खेती करने से उनकी आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया। इस मुश्किल से बचने के लिए किसान संजय ने नए कृषि अवसरों की तलाश शुरू की।
किसान संजय का सफर
कृषि विज्ञान केंद्र, कटिहार से संपर्क करने के बाद किसान संजय कुमार ने कई प्रशिक्षण और जागरूकता अभियानों (Training and awareness campaigns) में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने 2016 में अपनी जमीन पर ड्रैगन फ्रूट का बाग लगाने का फैसला किया। हालांकि, उन्हें चिंता थी कि शुरुआती तीन से चार साल तक उनके लिए ऐसी परिस्थिति में रहना मुश्किल होगा, जब तक कि ड्रैगन फ्रूट के फल नहीं आ जाते। हालांकि, कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों ने रोपण के पहले तीन से चार वर्षों के दौरान ड्रैगन फ्रूट के बगीचे में मसाले और सब्जी की फसलें उगाने की सलाह दी है।
500 से अधिक ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) के पौधे लगाए
किसान संजय सिंह ने 2016 में अपनी एक एकड़ जमीन पर 500 ड्रैगन फ्रूट के पेड़ लगाए थे। इसके अलावा, उन्होंने खंभे बनाए और उनके ऊपर टायर लगाए। अपने ड्रैगन फ्रूट के बगीचे के शुरुआती वर्षों में, उन्होंने केला, धनिया, अदरक और मक्का लगाया। अपने खेत पर उपयोग के लिए कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों (Pesticides and micronutrients) का मिश्रण बनाने के लिए अपशिष्ट अपघटक का उपयोग करके, किसान अपनी बाहरी कृषि लागत को कम करता है। किसान संजय ने अपनी जमीन पर चंदन उद्योग लगाकर अपना व्यवसाय शुरू किया।
हर साल 13 लाख से अधिक की आय
किसान संजय अब हर साल 16.77 प्रतिशत की दर से आर्थिक रूप से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने तीसरे साल तक अपने खेत से कुल 10 लाख पचास हजार रुपये कमाए। वह आलू की खेती (Potato cultivation) से सालाना 40,340 रुपये कमाते हैं। अब वे मक्के की खेती से 56,400 रुपये और केले की खेती से 97,000 रुपये कमा रहे हैं। किसान ने बताया कि अदरक से उन्हें कुल 97,500 रुपये की आमदनी होती है। किसान संजय कुमार सिंह औसतन 13,41,240 रुपये सालाना कमाते हैं।
सेब की खेती और ज्ञान का प्रसार
किसान संजय कुमार सिंह ने बताया कि भविष्य में वे अपनी जमीन पर सेब की खेती करना चाहते हैं। इसके अलावा वे स्थानीय किसानों (Local Farmers) को भी इसके बारे में सिखाने का प्रयास करते हैं। 2020 में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने किसान मेला आयोजित किया था, जहां ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन में उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें उत्कृष्ट कृषक सम्मान (Outstanding farmer award) से सम्मानित किया गया था।