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Dragon Fruit Cultivation : एक आइडिया से किसान ने शुरू कर दी इस विदेशी फल की खेती, अब हो रही है लाखों की कमाई

Dragon Fruit Cultivation : खेती को घाटे का सौदा मानने के दिन अब लद गए हैं। समकालीन कृषि पद्धतियों के इस्तेमाल से बिहार के समस्तीपुर के किसान अब फल-फूल रहे हैं। सोशल मीडिया विभिन्न उद्योगों में सफलता और वित्तीय लाभ की संभावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक उपयोगी साधन बन गया है। समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड के अकाहा विशनपुर गांव के निवासी जितेंद्र कुमार सिंह पर विचार करें, जिन्होंने इंटरनेट पर वीडियो देखने के बाद तीन साल पहले ड्रैगन फ्रूट उगाना शुरू किया था। फिलहाल सिंह करीब 5 कट्ठा जमीन पर ड्रैगन फ्रूट उगाते हैं और प्रति कट्ठा 15 से अधिक पौधों से प्रत्येक पेड़ पर 10 किलो तक फल पैदा करते हैं।

Dragon-fruit. Jpeg

जितेंद्र सिंह की सफलता की कहानी (success story of jitendra singh)

बाजार में 500 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से ड्रैगन फ्रूट प्रत्येक पेड़ से अच्छी खासी आय अर्जित करता है। सिंह अपनी सफल कृषि तकनीकों को साझा करके समकालीन कृषि पद्धतियों को अपनाने और अपनी आर्थिक संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए अन्य किसानों के लिए दरवाजे खोल रहे हैं। एक कोर्स से मिली अवधारणा किसान जितेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि एटीएमए विभाग (ATMA Department) ने उन्हें प्रशिक्षण के लिए भागलपुर भेजा था। मास्टर ट्रेनर ने प्रशिक्षण के दौरान ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) की खेती के बारे में चर्चा की।

ड्रैगन फ्रूट: सोशल मीडिया से खेती की सफलता तक का सफर

इसके बाद, उन्होंने बीजों और उनके फायदों पर शोध करने के लिए इंटरनेट पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और कोलकाता से बीज का ऑर्डर दिया। तीन साल पहले, अपने नए ज्ञान के परिणामस्वरूप, जितेंद्र ने ड्रैगन फ्रूट उगाना शुरू किया। अब वह पाँच कट्ठा ज़मीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती करते हैं। जितेंद्र के अनुसार, वह एक पेड़ से 5000 रुपये तक कमा सकते हैं और अपनी उपज को सब्जी मंडी में 500 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचते हैं। उन्होंने एक कट्ठा ज़मीन पर 15 से ज़्यादा पेड़ लगाए हैं। हर कट्ठा में 10 किलोग्राम तक फसल पैदा होती है।

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