Coffee cultivation : जो किसान अपना मुनाफा बढ़ाना चाहते हैं, वो इस किस्म से करें खेती
Coffee cultivation : भारत के असम और दार्जिलिंग में उगाई जाने वाली सबसे मशहूर फसल कॉफी है। हालांकि, झारखंड (Jharkhand) के किसान भी इसे उगा सकते हैं। खास तौर पर वे किसान जो अपना मुनाफा बढ़ाना चाहते हैं। किसानों द्वारा मामूली प्रबंधन के साथ इसकी खेती की जा सकती है। उत्पादक इसे लेकर काफी उत्साहित हो सकते हैं।
कॉफी वास्तव में एक कठोर पेय है। इसका बाजार राज्य, देश और दुनिया भर में फैला हुआ है। इस अध्ययन में, हम आपको कॉफी विकसित करना सिखाएंगे, अगर आपका लक्ष्य भी यही है।
उचित किस्म (The right variety) का चयन करें
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चियांकी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अखिलेश शाह ने कहा कि कॉफी उगाते समय उचित किस्म का चयन करना महत्वपूर्ण है। भारत में, दो मुख्य प्रकार की कॉफी की खेती की जाती है। रोबस्टा और अरेबिका (Robusta and Arabica) । अरेबिका की बहुत मांग है क्योंकि इसका स्वाद बेहतर होता है। लेकिन इसकी खेती में अधिक ध्यान देना पड़ता है। इसके विपरीत, रोबस्टा की खेती काफी सरल है और इसे पूरे साल किया जा सकता है। उत्पादन के मामले में, कॉफी की पैदावार प्रति हेक्टेयर (Per hectare) लगभग 10 क्विंटल होती है, जबकि रोबस्टा परिवार के पौधे प्रति हेक्टेयर लगभग 8 क्विंटल पैदावार देते हैं।
आदर्श मिट्टी और जलवायु (Ideal Soil and Climate)
कॉफी उगाने के लिए अम्लीय मिट्टी और ठंडा वातावरण ज़रूरी है। उन्होंने आगे कहा कि कॉफी उगाने के लिए आदर्श वातावरण ठंडा और नम होता है। इस अवधि के लिए आदर्श तापमान सीमा 15-24 डिग्री सेल्सियस है। यह ज़रूरी है कि मिट्टी में जल निकासी की व्यवस्था हो। अगर जल निकासी की व्यवस्था नहीं है, तो नर्सरी के सूखने का खतरा रहता है। इससे कॉफी की फसल नष्ट हो सकती है।
बीजों को उपचारित करना ज़रूरी
डॉ. शाह के अनुसार, किसी भी फसल की वृद्धि के लिए बीज उपचार बहुत ज़रूरी है। किसान अक्सर बीजों को स्वच्छ औषधि से उपचारित करते हैं। हालाँकि, कॉफी उगाने में बीज उपचार के तौर पर एज़ोपाइरामिल का उपयोग किया जाता है। ताकि फसल को बीमारी से बचाया जा सके।
रोपण (Planting) का आदर्श समय
कॉफी के पौधे लगाने का समय भी बहुत ज़रूरी है। जून या जुलाई में मानसून का मौसम शुरू होने से पहले, आप इसकी नर्सरी लगा सकते हैं। धान की खेती (Paddy farming) की तरह इस तरह की खेती में भी नर्सरी लगाना पड़ता है। जिसके लिए एक फीट ऊंची क्यारी बनानी पड़ती है। 45 दिन बाद पौधे को कहीं और लगाना सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। इससे पर्याप्त नमी मिलने से पौधे स्वस्थ रूप से विकसित हो सकते हैं।
50 साल तक फल और मुनाफा (Fruit and profits)
डॉ. शाह ने बताया कि पांच साल तक पौधे लगाने के बाद कॉफी की फसल तैयार हो जाती है। एक एकड़ में तीन क्विंटल तक उत्पादन होगा। एक हेक्टेयर कॉफी की फसल की कीमत बीस से पच्चीस हजार रुपये के बीच है। एक बार फल लगने के बाद सालाना कमाई 50 से 60 लाख डॉलर के बीच होगी। पौधे लगाने के बाद पचास साल तक फल लगेंगे। मुनाफा भी पचास साल तक चलेगा।