SELF EMPLOYMENT

Types of vegetables : अपनाएं इस किसान की तकनीक, हो जाएंगे मालामाल

Types of vegetables : छपरा के कुछ किसान परंपरागत खेती से नकदी फसल (Cash Crop) उगाकर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। हालांकि, हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताएंगे, जो एक ही खेत में तीन-चार तरह की सब्जियां उगाकर मालामाल हो रहा है। आज हम आपको मंजीत कुमार (manjeet kumar) के बारे में बताने जा रहे हैं। वह जिले के दिघवारा प्रखंड में रहते हैं और दिघवारा के नाम से जाने जाते हैं। अपने पंद्रह कट्ठा खेत में वह आलू, गोभी और अरुई (Potato, Cabbage and Taro) लगाते हैं। एक ही खेत में तीन अलग-अलग तरह की सब्जियां लगाकर मंजीत कुमार मालामाल हो रहे हैं। मंजीत कुमार अपनी 15 कट्ठा जमीन में इस तरह की खेती करते हैं, जिससे एक सीजन में डेढ़ से दो लाख रुपये की कमाई हो जाती है। अरुई के बाद आलू बोया जाता है। आलू के साथ ही उसी खेत में मूली भी लगाई जाती है और आलू की मेड़ पर गोभी लगाई जाती है। इलाके और उसके आसपास के जिलों में गोभी, आलू और मूली की मार्केटिंग होती है। हालांकि, व्यापारी स्थानीय स्तर पर अरुई खरीदकर बड़े राज्यों में पहुंचाते हैं। सारण की अरुई इलाहाबाद, बनारस और गोरखपुर (Allahabad, Banaras and Gorakhpur) समेत कई जगहों पर जाती है। इसे खरीदने में किसी भी सब्जी से ज्यादा खर्च आता है।

Types-of-vegetables. Jpeg

रोजगार न मिलने पर किया नई तकनीक (New technology) का इस्तेमाल

मनजीत कुमार ने बताया कि स्कूल की पढ़ाई के बाद रोजगार नहीं मिलने के कारण अब वे अपने खेत में सब्जी उगाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे मैं अच्छी कमाई कर रहा हूं। उन्होंने बताया कि आलू की तरह ही अरुई की भी बुआई की जाती है। इसके बाद आलू की बुआई की जाती है। उन्होंने बताया कि आलू की मेड़ पर गोभी उगाई जाती है। इसके अलावा उसी मेड़ पर मूली (radish) भी लगाई जाती है। उन्होंने बताया कि समय के हिसाब से सब्जी तैयार कर उसे निकाला जाता है और बेचा जाता है। हालांकि, अरुई को पहले लगाया जाता है और अंत में खेत से निकालकर बेचा जाता है।

दो लाख रुपये प्रति सीजन (2 lakh rupees per season) की कमाई

उन्होंने बताया कि अरुई की जड़ को बेचने के बाद प्याज की सब्जी के तौर पर बेचा जाता है। उन्होंने बताया कि 15 कट्ठा जमीन (15 kattha land) में इस तरह की खेती से डेढ़ से दो लाख रुपये प्रति सीजन में कमाई हो जाती है। इस तरह की खेती कई किसानों के लिए मुनाफे का सौदा भी है। उन्होंने बताया कि पहले वे गेहूं और धान (Wheat and Paddy) की खेती करते थे।

Related Articles

Back to top button