AGRICULTURE

एक साल में चार बार उपज देने वाली खीरे की किस्म

गर्मियों में खीरे की बाजार में मांग बहुत ज्यादा रहती है. ऐसे में अगर आप अपने खेत में खीरे की खेती करते हैं तो यह आपके लिए एक बहुत ही फायदे का सौदा हो सकता है. बाजार में बहुत से किस्म के खीरे मौजूद है लेकिन आज हम आपको खीरे की एक ऐसे किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी खेती एक साल में चार बार की जा सकती है.

बाजार में पीसीयूएच किस्म का खास खीरा आया है. इसकी खेती साल भर में चार बार की जाती है. हमारे किसान भाई इस किस्म के खीरे की खेती कर काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइये आपको इसकी खेती के तरीके के बारे में बताते हैं.Www. Jobfairindia. Com 8b7883f6 178d 403e aa22 661af407c6b4

जलवायु व मिट्टी

यह खीरा रेतीली मिट्टी में अच्छी पैदावार देता है. इस खीरे की खेती के लिए मिट्टी की पीएच 6 से 7 के बीच होनी चाहिए. इसकी खेती के लिए थोड़ा गर्म तापमान की जरुरत होती है.

खेत की तैयारी

खीरे की अच्छी पैदावार के लिए खेत को दो से तीन बार जोतने के बाद उसपर पाटा चला कर समतल कर देना चाहिए. इसमें आप देशी खाद का ही उपयोग करें और खेत में बिजाई से पहले फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए अच्छी दवाइयों का छिड़काव करें.

खेती में सिंचाई

खीरे की फसल को अधिक नमी की जरूरत पड़ती है. गर्मी के दिनों में फसल को हर सप्ताह सिंचाई की जरुरत होती है. वर्षा ऋतु में आप बिना सिंचाई के अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.

निराई-गुड़ाई

खीरे के खेत से खरपतवार या अनावश्यक घास को हटाने के लिए खुरपी या फावड़े का उपयोग कर सकते है. ग्रीष्मकालीन समय में फसल में 20 से 25 दिनों के लिए 3 से 4 बार निराई-गुड़ाई कर देनी चाहिए. वहीं वर्षा के समय पानी की वजह से घास के जमने की आशंका ज्यादा हो जाती है. ऐसे में गुड़ाई की बारंबारता बढ़ जाती है.

उत्पादन

इस किस्म के खीरे की पैदावार आम खीरों की तुलना में ज्यादा होता है. इसकी खेती कर आप साल भर में आराम से 2 से 3 लाख की कमाई कर सकते हैं.

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